नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। उत्तर प्रदेश की राजनीति में तेजी से होते घटनाक्रम चुनाव की रोमांचकता को बढ़ा रहे हैं। एक दूसरे पर होते वार-पलटवारों के बीच कुछ आवाजें पार्टियों के भीतर से भी सुनाई देने लगी हैं। इस कड़ी में बीजेपी के अंदर से बागी बोल बाहर तक सुनाई देने लगे हैं। जहां एक तरफ बीजेपी के सभी नेता मोदी सरकार की महिमामंडंन में लगे हुए हैं तो वहीं वरुण गांधी बीजेपी के पारंपरिक नेताओं के उलट विरोधियों की भाषा बोलते नजर आए। वरुण गांधी ने मोदी सरकार पर वो सवाल उठाए जो अब तक सिर्फ विरोधी खेमा ही उठाता रहा।
क्या बोला वरुण ने ?
वरुण गांधी एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। वहां उन्होने मोदी सरकार पर उंगली उठाते हुए कहा कि पिछले दो सालों में साढ़े सात हजार किसानों ने आत्महत्या की। विजय माल्या 9 हजार करोड़ लेकर भाग गया। इसके अलावा वरुण ने रोहित वेमूला की आत्महत्या का मामला भी उठाया।
वरुण गांधी बीजेपी के युवा कद्दावर नेताओं में गिने जाते रहे हैं। यूपी चुनाव में उनका नाम सीएम दावेदारी के लिए भी उछाला गया था। इलाहाबाद में बीजेपी के एक सम्मेलन में वरुण ने शक्ति प्रदर्शन कर अपनी उपस्थिति भी दर्ज करानी चाही थी लेकिन शाह और मोदी ने इस राजनीतिक उमंग को वहीं दबा दिया था। यूपी चुनाव के अब तक के प्रचार में वरुण कहीं भी दिखाई नहीं दिए। न ही वो किसी पोस्टर में उनको जगह दी गई।
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प्रियंका गांधी और वरुण गांधी की हुई थी मुलाकात
एक कार्यक्रम के दौरान प्रियंका गांधी और वरुण गांधी की मुलाकात हुई। प्रियंका खुद वरुण से मुलाकात करने उनके पास गई। फिर दोनों ही नेताओं में करीब 2 घंटे तक बात होती रही। मुलाकात के बाद वरुण के बागी बोलों को कांग्रेस से जोड़कर देखा जा रहा है। बागी बोलों को गंभीरता से लिया जाए और सभी संभावनों को एक लकीर पर रख कर समझा जाए, तो वरुण का बीजेपी से बाहर निकलने और कांग्रेस में जाने का रास्ता तय हो चुका है। अगर वरुण गांधी कांग्रेस खेमे में जाते हैं और अखिलेश का साथ कांग्रेस के हाथ के साथ बरकरार रहता है तो 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मोदी टीम के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।
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