नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अप्रत्याशित सफलता हासिल की। ऐतिहासिक बहुमत मिलने के बाद बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई। प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी भी खाली है। अब राज्य में ऐसे नेता को देखा जा रहा है जिसकी उपस्थिति मंच पर बुलाकर भीड़ को खींचा जा सकें। जिसमे जिम्मेदारी निभानी की काबिलियत हो और सबसे खास बात कि वो बीजेपी के एंजेंडे को भी जिंदा रख सके।
लापता वरुण गांधी का पता मिला
इन सारे पैमानों पर बीजेपी से नाराज चल रहे वरुण गांधी खरे उतरते हैं। आलाकमानों की निगाहों में वरुण का नाम लाने के लिए, मेनका गांधी आरएसएस के चक्कर लगा चुकी हैं। जानकारी मिल रही है कि आरएसएस भी वरुण को उत्तर प्रदेश का प्रदेश अध्यक्ष बनाने के पक्ष में है। ऐसे में वरुण नाम की सिफारिश मोदी और शाह के सामने रखी जाने की तैयारी हो रही है।
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दरअसल वरुण को उत्तर प्रदेश चुनावों से दूर रखा गया था। न तो उन्हे कोई खास जिम्मेदारी दी गई थी और न ही स्टार प्रचारक की लिस्ट में ही रखा गया था। मोदी और शाह उनके यूपी विधानसभा चुनाव से पहले हुई इलाहाबाद रैली में दिखाए गए शक्ति प्रदर्शन से नाराज थे। बीच में कई बार सुगबुगाहट हुई की वरुण कांग्रेस में जा सकते हैं लेकिन सारी अफवाह कोरी साबित हुई।
फिलहाल गेंद मोदी और शाह के पाले में हैं। अंतिम फैसला उन्ही को लेना है। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आरएसएस की मुहर लगने के बाद वरुण के नाम का प्रेशर बढ़ गया है।
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