नई दिल्ली: पुलवामा हमले के बाद जैश-ए- मोहम्मद भारत में एक और बड़े हमले की फिराक में था, जिसको भारतीय वायुसेना ने ना सिर्फ नाकाम किया बल्कि के पाकिस्तान के बालाकाट में आतंकी शिविरों पर एयर स्ट्राइक का पाकिस्तान के झूठ को एक बार फिर वैश्विक स्तर पर उजागर किया है अब पाकिस्तान का झूठ दुनिया के सामने है, जगजाहिर हो गया है कि पाकिस्तान अपने जमीन पर आतंक की फैक्ट्री चला रहा है.
US Secy of State issues statement in the light of strike by Indian Air Force in Balakot;states,”I spoke to Pak Foreign Min to underscore priority of de-escalating current tensions by avoiding military action&urgency of Pak taking action against terror groups operating on its soil pic.twitter.com/ac5nFKf8nw
— ANI (@ANI) February 27, 2019
एयर स्ट्राइक के बाद भारत को मिला अमेरिका का साथ
भारत द्वारा एयर स्ट्राइक कर पाकिस्तान को बेनकाब करने के बाद अब अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान में ऑपरेशन पर भारत को अमेरिका का साथ मिला है. अमेरिका ने पाकिस्तान को आतंकवाद को खत्म करने की हिदायत दी है. साथ ही पाकिस्तान को सैन्य कार्रवाई से बचने के लिए भी कहा. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा, ”मैंने पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से बात की और उनसे किसी भी सैन्य कार्रवाई से बचते हुए वर्तमान तनाव को कम करने की प्राथमिकता पर ध्यान देने को कहा. मैने दोनों देशों को सीधे बातचीत करने की सलाह दी है. साथ ही पाकिस्तान से उनकी जमीन पर चल रहे आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई करने को कहा है.” आपको बता दें कि भारत ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया जिसमें लगभग 350 आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए. पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था.
फ्रांस भी भारत के साथ
भारत के द्वारा की गई एयरस्ट्राइक को दुनिया के कई देशों का साथ मिला है, अमेरिका से पहले फ्रांस भी भारत के साथ खड़ा है. मंगलवार को ही फ्रांस ने कहा था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में फ्रांस भारत के साथ खड़ा है, आतंकवादियों पर कार्रवाई होनी चाहिए और उनका सहयोग करने वालों की जड़ें काट देनी चाहिए. गौरतलब है कि मंगलवार जैसे ही भारत ने एयरस्ट्राइक की बात देश को बताई, तभी विदेश मंत्रालय की ओर से कई देशों के राजदूतों को बुला इस एक्शन की जानकारी दी गई थी. मंगलवार को ही विदेश मंत्रालय ने अमेरिका, रूस, चीन, ऑस्ट्रेलिया समेत बड़े देशों को एयरस्ट्राइक के बारे में बताया.