उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद में एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। जहाँ दो लड़कियों सहित तीन बच्चों की हत्या कर दी गई है। तीनों को बदमाशों ने गोली मारा है फिर शव को क्यूए में फेंक दिया है। पुलिस ने जब मामले की जांच शुरू की तो मृतकों के शवों को धतूरी गांव के जंगल में एक ट्यूबवेल की होदी में डाल दिया। इस जघन्य घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में दो पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
पुलिस के मुताबिक, बुलंदशहर नगर के मोहल्ला फैसलाबाद के रहने वाले जमशेद की 8 वर्षीय पुत्री आसमा और माहे आलम की 7 वर्षीय पुत्री अलीबा और इनके ही रिश्तेदार का बेटा 8 वर्षीय अब्दुल्ला शुक्रवार की रात नगर के यूनिक मैरिज होम से एक शादी समारोह से अचानक लापता हो गए थे। परिजनों ने रात भर उनकी तलाश की लेकिन कोई पता नहीं चल सका। शनिवार की सुबह सलेमपुर थाना क्षेत्र के गांव धतूरी के जंगल में एक ट्यूबवेल की होदी में तीनों बच्चों के गोली लगे शव मिले हैं।
घटना की सूचना पर सलेमपुर थाना पुलिस सहित पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए। सलेमपुर थाना प्रभारी अवधेश अवस्थी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं। एसपी सिटी अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि घटना के पीछे कारणों का पता लगाया जा रहा है। अभी परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है।
पुलिस पर लापरवाही का आरोप
आरोप है कि, बच्चों के गुमशुदा होने के बाद भी पुलिस हाँथ पर हाँथ धरे बैठी रही। एसएसपी ने इसे लापरवाही मानते हुए नगर कोतवाल ध्रुव भूषण दूबे और मुंशी अशोक कुमार शर्मा को निलंबित कर दिया है। एसएसपी ने बताया कि परिवार को शक है कि रोजा इफ्तार पर न बुलाए जाने से नाराज एक रिश्तेदार ने घटना को अंजाम दिया है। हालांकि पुलिस अभी छानबीन करने के बाद किसी निष्कर्ष पर पहुंचने की बात कर रही है।
वहीँ प्रदेश के आला पुलिस अफसरों ने बुलंदशहर के अधिकारियों से जवाब-तलब किया है। सवाल यह है कि तीनों बच्चों की हत्या कर शव इतनी दूर सलेमपुर धतूरी में फेंक दिया जाता है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है। सवाल यह भी उठ रहे हैं कि अगर स्थानीय लोग शवों की सूचना नहीं देते तो क्या पुलिस उन्हें बरामद कर पाती। यह स्थानीय पुलिस के एक बड़े अमले की नाकामी बताई जा रही है।