केरल के कोझिकोड जिले से दिल दहला देने वाली खबर आ रही हैं कि पूरा जिला किसी अनजान जानलेवा वायरस की चपेट में आ गया है, इस वायरस ने नौ लोगों की जान ले ली है. साथ ही वायरस की चपेट में आए छह लोगों की हालत नाजुक है और ऐसे 25 मरीजों को निगरानी में रखा गया है.
केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक के बाद बताया कि केरल में दुर्लभ वायरस से नौ लोगों की मौत हो गई.
मणिपुर लैब में हुए टेस्ट से यह खुलासा हुआ है कि यह एक दुर्लभ वायरस है, जो आमतौर पर राज्य में नहीं पाया जाता है. इसके बाद इन सैंपलस को पुणे के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को भेजे गए हैं, जिससे वायरस की सटीक जानकारी मिल सके और इसका इलाज उस बेस पर किया जा सके. अब जल्द ही पुणे लैब से इस वायरस के नतीजे सामने आ जायेगे.
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बता दें कि लोकसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुल्लापल्ली रामचंद्रन ने विषाणु के प्रकोप को रोकने के लिए केंद्र से मदद मांगी है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को लिखे पत्र में रामचंद्रन ने कहा कि उनके लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वताकरा में कुट्टियाडी और पेरम्ब्रा सहित कुछ पंचायत क्षेत्र घातक विषाणु की चपेट में हैं.
सांसद ने बताया कि कुछ डॉक्टर ने बताया है कि यह निपाह नाम का विषाणु है, जबकि अन्य डॉक्टरों ने इसे जूनोटिक वायरस बताया है, जो घातक है और तेजी से फैलता है. रामचंद्रन ने पत्र में कहा है, ‘विषाणु की चपेट में आए लोगों की मृत्यु दर 70 प्रतिशत होती है. बीमारी को बढ़ने से रोकने की जरूरत है.’ नहीं तो इस बीमारी को रोक पाना काफी मुश्किल हो जाएगा. इसलिए इसपर जल्द से जल्द सुधर लाने की जरूरत हैं.