भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड उर्दू विद्यार्थियों के साथ अब चालबाजी पर उतर आया है। पूरा साल गुजर जाने के बाद भी उसने पोर्टल पर उर्दू की पाठ्य सामग्री अपलोड नहीं की गई है। अव्यवस्था और परेशानी को लेकर कई स्तर पर शिकायत की जा चुकी है। लेकिन नतीजा शून्य है। जब उर्दू विद्यार्थियों, स्कूल संचालकों और अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के टोल फ्री नंबर पर इस बाबत शिकायत करना शुरू किया तो उनके हाथों में एक रिटायर्ड कर्मचारी का नंबर थमा दिया गया, जिसे इस बारें में कोई जानकारी ही नहीं है। न ही सेवा में रहते उनका इस व्यवस्था से कोई लेना-देना था।
जानकारी के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा मंडल से जुड़े प्रदेश के हजारों स्टुडेंट्स को परीक्षा तैयारियों के लिए जरूरी मटेरियल उपलब्ध कराने में कोताही की जा रही है। बरसों से चली आ रही उर्दू किताबों की कमी को विद्यार्थी झेल ही रहे थे। अब कोरोना काल के बाद शुरू हुई ऑनलाइन व्यवस्था में भी इन विद्यार्थियों को पीछे धकेलने के प्रयास किए जाने लगे हैं। प्रदेशभर में हजारों विद्यार्थी उर्दू विषय लेकर हाई स्कूल और हायर सेकंडरी परीक्षाओं में शामिल होते हैं। कोरोना हालात के बाद शिक्षा मंडल ने सभी विषयों की सामग्री अपनी अधिकृत वेबसाइड पर उपलब्ध कराई है। जिससे विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई आसान हो गई है। लेकिन इस प्रक्रिया में उर्दू विषय को छोड़ दिया गया है। उर्दू विषय के प्रश्र बैंक, पुस्तकें, ऑडियो-वीडियो इस वेबसाइड पर उपलब्ध न होने से प्रदेशभर के हजारों उर्दू विद्यार्थियों भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
चिट्ठी-पत्री , मुलाकात से नहीं हुआ असर
माइनोरिटी स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष याकूब मेमन ने बताया कि बोर्ड से संबद्ध 10वीं और 12वीं कक्षाओं की उर्दू विशिष्ट और उर्दू सामान्य की पुस्तकें भी पर्याप्त मात्रा में बाजार में उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। इसको लेकर लगातार आला अफसरों का ध्यान आकर्षित कराया जाता रहा है, लेकिन व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं आया है। उन्होंने बताया कि इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग को लगातार चि_ी लिखी जा रही हैं। इसके बाद प्रदेशभर के स्कूल संचालकों और विद्यार्थियों ने भोपाल पहुंचकर विभाग के सचिव से भी मुलाकात की, लेकिन इस मामले का समाधान नहीं हो पाया।
अब थमा दिया फर्जी नंबर
माइनोरिटी स्कूल एसोसिएशन के आह्वान पर स्कूल शिक्षकों और विद्यार्थियों ने पाठ्य सामग्री पोर्टल पर अपलोड करने की बात को लेकर शिक्षा विभाग के टोल फ्री नंबर पर कॉल करने का अभियान शुरू किया है। लेकिन इस दौरान कॉल करने वालों को एक ऐसे कर्मचारी का नंबर थमाया जा रहा है, जिनकी विभाग से सेवानिवृत्ति हो चुकी है।