समाजवादी पार्टी ने ट्वीटर पर मीडिया को जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए आमंत्रण भेज कर सनसनी फैला दी. बुआ-भतीजे ने जब से हाथ मिलाया है, तब से ही यह माना जा रहा था कि सपा-बसपा लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन और सीटों का ऐलान कर देंगे. हालांकि उम्मीद थी कि मायावती 15 जनवरी को अपने जन्मदिन पर ये ऐलान करेंगी लेकिन अब 12 जनवरी को 12 बजे लखनउ में होने जा रही साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस से ये काम अब पहले ही हो जाएगा. ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब उत्तरप्रदेश के दो राजनीतिक दिग्गज एक साथ मीडिया से मुखातिब होंगे. मीडिया को ये आमंत्रण सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी और बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के हवाले से भेजा गया है.
सपा और बसपा 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं. गांधी परिवार के परंपरागत गढ़ अमेठी और रायबरेली में गठबंधन उम्मीदवार नहीं उतारेगा. वहीं आरएलडी के भी इस गठबंधन में शामिल होने की संभावना है, जिसे 2 से 3 सीटें दी जा सकती हैं. पिछले शुक्रवार को ही अखिलेश और मायावती के बीच दिल्ली में बैठक हुई थी. यह भी सुना गया था कि ये दोनों पार्टियां कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं है. इससे पहले 1993 में एसपी-बीएसपी ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और बीजेपी को शिकस्त देते हुए राज्य में गठबंधन की सरकार बनाई थी. तब एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने बसपा के कांशीराम के साथ बीजेपी के रोकने के लिए हाथ मिलाकर यूपी में सरकार बनाई थी, इस बार इन दोनों नेताओं के उत्तराधिकारियों ने चुनाव के लिए हाथ मिलाया है.
गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 73, सपा को 5 सीटें मिली थीं, जबकि बसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी.