जिला कमेटी अध्यक्ष पर कई गंभीर आरोप

भोपाल। एक शादी समारोह में डांस करते हुए वीडियो वायरल होने का असर एक वक्फ कमेटी अध्यक्ष को पद से हटाए जाने का निर्णय मप्र वक्फ बोर्ड ने आनन-फानन में ले लिया है। जबकि ऐसी ही प्रवृत्ति और मिजाज के जिला कमेटी अध्यक्ष पर अब तक उसका ध्यान नहीं गया है। कई शिकायतों और गंभीर आरोपों के बाद भी इसके खिलाफ बोर्ड ने अब तक कोई कार्यवाही नहीं की है। फिल्मों, डांसरों, मॉडलों के साथ जिला कमेटी अध्यक्ष के फोटो-वीडियो अब जमकर वायरल होने लगे हैं। इसकी शिकायत मप्र वक्फ बोर्ड तक भी पहुंचाई गई है।

मामला इंदौर जिले से जुड़ा है, जहां पिछले दिनों वक्फ दरगाह नाहरशाह वली के तत्कालीन अध्यक्ष अरब अली पटेल को महज इस आरोप पर पद से हटा दिया गया है कि उनका एक शादी समारोह का वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे ठुमके लगाते नजर आ रहे थे। लेकिन इसके बाद इसी तरह के मिजाज और क्रियाओं से जुड़े जिला कमेटी अध्यक्ष डॉ. शकील राज के मामले भी अब पर्दे पर आने लगे हैं। बताया जाता है कि उन्होंने कमेटी अध्यक्ष बनते समय खुद का पेशा

मॉडलिंग और फैशन शो आर्गनाइजर दर्शाया है। इसके साथ अध्यक्ष बने डॉ. शकील वक्फ कामों के साथ अपने पेशे से भी जुड़े रहे हैं और इस दौरान उनके कई वीडियो, फोटो आदि सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। अरब अली पटेल के साथ हुई कार्यवाही के बाद इस तरह के फोटो-वीडियो अब फिर सतह पर आ गए हैं। शहर के लोग इस बात को लेकर हैरान हैं कि एक ही बोर्ड में दो लोगों के लिए अलग-अलग कानून किस तरह से चल सकते हैं। इधर चर्चाओं के दौर में इस बात को भी रेखांकित किया जा रहा है कि डॉ. शकील मॉडलिंग और फैशन शो के नाम पर लाखों रुपए की हेरफेर का गुनाहगार भी है, जिसको लेकर शहर के विभिन्न थानों में उनके खिलाफ मामले दर्ज हैं।

खुद को बना लिया प्रशासन से ऊपर

वक्फ दरगाह नाहरशाह वली की कमेटी भंग होने के बाद हालांकि बोर्ड ने प्रशासनिक व्यवस्था तेहसीलदार सिराज खान को सौंपी है। लेकिन डॉ. शकील राज और उनके साथियों ने खुद को प्रशासन से ऊपर बताते हुए दरगाह परिसर में चस्पा किए गए बोर्ड आदि पर खुद का नाम लिखवा दिया है। इसके अलावा प्रशासन द्वारा की जा रही उर्स की तैयारियों में भी वे बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं, जिसका उन्हें अधिकार प्राप्त नहीं है। इधर यह भी कहा जा रहा है कि मप्र वक्फ बोर्ड ने तीन दिन पहले एक नोटिस जारी कर उन्हें पद से हटाए जाने की पैरवी की है, लेकिन इसके बावजूद इंदौर जिला प्रशासन और तय किए गए रिसीवर के साथ डॉ. शकील अपनी मौजूदगी बनाए हुए हैं। गौरतलब है कि दरगाह नाहरशाह वली पर लगने वाले सालाना उर्स में दुकानों, झूलों और जायरीन की आमद से कमेटी को बड़ी आमदनी होती है, जिसको लेकर कई लोगों की निगाह लगी हुई है और वे इसके लिए अपनी सक्रियता दिखाने में जुटे दिखाई दे रहे हैं।

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और खुला भ्रष्टाचार का काला चिन

जिला वक्फ कमेटी अध्यक्ष पद रहते हुए डॉ. शकील राज द्वारा वक्फिया संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने, कमेटियां बनाने के नाम पर अवैध वसूली करने, पुराने किरायादारों को अवैधानिक तरीके से वक्फ जमीनों पर कब्जा करने जैसे कई मामलों की शिकायत र्बोड को की गई है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि डॉ. शकील राज ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हुए न सिर्फ इंदौर बल्कि इसके आसपास भी वक्फ सम्पत्ति और वक्फ कमेटियों के नाम पर लाखों रुपये की काली कमाई की और लोगों को गुमराह किया है। इन भ्रष्टाचारो की कई लोगों ने वक्फ बोर्ड भोपाल सीईओ जमील एहमद से लिखित शिकायतें भी की हैं, लेकिन शकील राज पर ठोस कार्रवाई नहीं की गई। सीईओ का कहना है कि हमने शकील राज को हटाने का आदेश बहुत पहले ही जारी कर दिया है, लेकिन आज भी शकील राज जिला वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के पद का फायदा उठाते हुए लोगों की जेबों पर डाका डाल रहा है। गुरूवार को इंदौर में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान डॉ. शकील पर धार, उज्जैन, हरसौला समेत कई स्थानों पर अवैध रूप से कार्यवाहियां करने और लाखों रुपए के भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए गए हैं।

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