नई दिल्ली : भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अंतरराष्टीय रोमिंग सिम और वैश्विक कॉलिंग कार्ड विदेश यात्रा के दौरान विफल होने की स्थिति में सेवाप्रदाताओं पर 5,000 रुपये जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया है बाद में यही जुर्माना ग्राहकों को हर्जाने स्वरुप दिया जाएगा. इस प्रस्ताव का फायदा प्रीपेड और पोस्टपेड दोनों ही ग्राहक ले सकते हैं.
दूरसंचार विभाग को भेजे अपने सुझााव पत्र में ट्राई ने कहा है कि प्रीपेड ग्राहक को अतिरिक्त तौर पर वह सारा पैसा भी वापस मिलना चाहिए जो वह सेवाप्रदाता को पहले ही भुगतान कर चुका है.
सेवाप्रदाताओं से से जो जुर्माना वसूला जाएगा वो 15 दिनों के अंदर ग्राहकों को दे दिया जाएगा. इसके साथ ही ट्राई ने उन कम्पनियों के परमिट रद्द करने का सुक्षाव दिया है जिनके 10 फीसदी कार्ड काम करने कि स्थिती में नही हैं. ट्राई ने यह भी सिफारिश की है कि वैश्विक कॉलिंग कार्ड और इंटरनेशनल सिम कार्ड की खरीद केवल डिजिटल मोड से ही की जाए जिसमें नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड और ई-पर्स शामिल है.
ट्राई को अब तक कई ग्राहकों की शिकायत मिल चुकी है जिसमें बताया गया है कि
उपभोकताओं ने सिम के काम न करने की थी शिकायत ऐसी सेवाओं का उपयोग करने वाले लगभग आधे उपभोक्ताओं ने दावा किया कि यह आंशिक रूप से काम करता है या बिल्कुल भी काम नहीं करता है. ट्राई ने 23 कंपनियों के परमिट रद्द करने का भी समर्थन किया है, जिन्होंने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अपनी कॉल का जवाब नहीं दिया.