आज तक हमेशा से ही स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस आने से कुछ समय पहले आपने ट्रैफिक सिग्नल और बाजारों में जगह-जगह तिरंगे बेचने वालों को देखा होगा. इस बार भी सब कुछ पहले जैसा ही है, लेकिन बस एक बड़ा बदलाव नज़र आ रहा है. दरअसल इस बार बाजार में प्लास्टिक के झंडों की जगह कपड़े के झंडे बेचे जा रहे हैं.
बता दें कि सरकार ने प्लास्टिक के झंडों पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं लगाया, बस सरकार ने लोगों से एक अपील की थी कि प्लास्टिक के झंडों की जगह कागज के झंडे इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं, क्योंकि प्लास्टिक के झंडे ठीक नहीं हैं. इस बार थोक विक्रेता और अन्य दुकानदार भी प्लास्टिक के तिरंगे नहीं बेच रहे हैं.
उन्होंने बताया कि जब वे प्लास्टिक के झंडे बेचते हैं तो लोग उन्हें ज्ञान देते हैं कि प्लास्टिक से पर्यावरण को नुकसान होता है और कुछ लोग तो सोशल मीडिया पर वीडियो भी डाल देते हैं. एक विक्रेता का कहना है कि जब वह प्लास्टिक का तिरंगा बेच रहा था, तो एक स्कूल के बच्चे ने प्लास्टिक का झंडा लेने से मना कर दिया, क्योंकि उनके स्कूल में यह मना है.
इसलिए इसबार प्लास्टिक के झंडे नहीं, केवल कपड़े के झंडे ही रखे हैं, क्योंकि पेपर वाले झंडे बारिश में खराब हो जाते हैं. इस बार लोग खुद से प्लास्टिक के झंडे न बेचकर कपड़े बेच रहे हैं, जो कि एक काफी बड़ा और अच्छा कदम है.