आठ नवंबर ये वही दिन है. जिस दिन पूरा देश कतारों तब्दील हो गया था. जहां नजर जाती थी, बस कतारें ही नजर आती थी. कारण बस वही था कालेधन पर लगाम लगाने के लिए नोटंबदी और आज इस नोटबंदी के दो बरस पूरे हो गए है. अब ऐसे में ये जानना बहुत जरुरी है कि इस नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को कितना फायदा पहुंचा है.
बता दें कि इसी कड़ी वित्त मंत्री अरुण जेटली और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आमने सामने आ गए हैं. एक तरफ जहां अरुण जेटली नोटबंदी के फायदे की लंबी फेहरस्त जनता के सामने रखने से नहीं थक रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नोटबंदी को ना भरने वाला घाव बता रहे हैं.
आइए जानते हैं कि किसने क्या कहा….
अरुण जेटली
- नोटबंदी से कालेधन पर लगाम लगया गया…
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का नोटबंदी की दूसरी बरसी पर वक्तव्य आया है कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था को साफ सुथरी हुई है. जहां पहले हमारी अर्थव्यवस्था कालेधन से ग्रसित थी. अब उसे इस कालेधन के प्रकोप से छुटकारा मिला है.
- डिजीटलाइजेशन को बढ़ावा मिला…
केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि नोटबंदी के बावत ही हमारे देश में डिजीटल क्रांति आई है. क्योंकि इससे पहले हमारा देश नगदी प्रधान देश रहा है. जिससे अक्सर कालेधन को बढ़ावा मिलने में आसानी मिलती रही है. जेटली का कहना है कि नोटबंदी का मुख्य उद्देश्य ही कालेधन पर लगाम लगाना था, जिस कड़ी में डिजीटलाइजेशन को बढ़ावा मिला, जो कि कहीं न कहीं नोटबंदी पर लगाम लगाने में हमारे लिए कारगर साबित हुई है.
- टैक्स चोरी पर लगाम…
जेटली का कहना है कि नोटबंदी के कारण ही टैक्स चोरी पर लगाम लग पाया. साथ ही अर्थव्यवस्था के विभिन्न पक्षों की भी पारदर्शियती इस नोटबंदी के कारण ही सामने आई है.
मनमोहन सिंह
एक तरफ जहां वित्त मंत्री अरुण जेटली नोटबंदी को अर्थव्यवस्था के हित में बता रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नोटबंदी के नुकसान गिनाते हुए नहीं थक रहे हैं. उन्होंने कहा कहा कि घाव के जख्म तो एक न एक दिन भर ही जाते है, लेकिन इस नोटबंदी का दुष्प्रभाव आये दिन बढ़ता ही जा रहा है.