यही अगस्त का महिना है, कि आजसे सतहत्तर साल पहले भारत का बटवारा हुआ ! और पाकिस्तान नामके देश को जोर-जबरदस्ती से बनाया गया ! उसमे भी पूर्व पाकिस्तान और पश्चिम पाकिस्तान, जिसके बीच मे हजारों किलोमीटर लंबा भारत ! और पूर्व के हिस्से को नाम दिया गया पूर्व पाकिस्तान ! और पश्चिम के हिस्से को नाम दे दिया पश्चिम पाकिस्तान ! पूर्व पाकिस्तान की जनसंख्या पश्चिम पाकिस्तान से ज्यादा ! होने के बावजूद 14 अगस्त से ही पस्चिम पाकिस्तान के ही लोग इस देश के सर्वोच्च पदों बने रहे ! और 1970 के चुनाव में पूर्व पाकिस्तान से सबसे अधिक संसद चून कर आने के बावजूद, पस्चिम पाकिस्तान के नेता जुल्फिकार अलि भुत्तो ने पूर्व पाकिस्तान के नेता शेख मुजबुर रहमान को प्रधानमंत्री नही बनने दिया ! यह संसदीय जनतंत्र का माखौल उडाने का भारतीय उपमहाद्वीप का सब से हैरान करने का उदाहरण रहा है !


जिस वजह से पाकिस्तान को 1947 को दो करोड लोगों के शवों के उपर बटवारा प्राप्त हुआ ! उसके पहले 90% प्रतिशत से अधिक लोगों की भाषा बंगला होने के बावजूद, उनपर उर्दू को थोपा जाना ! यह मुद्दा कायदेआजम बैरिस्टर मोहम्मद अली जीना के जीवन काल में ही, और सबसे हैरानी की बात, उन्हिके द्वारा थोपने की गलती के वजह से, दोनों भुगोल में कभी भी एकता बन नही सकी !

हालांकि वर्तमान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत छोड़कर अन्य सभी प्रांतों में असंतोष जारी है ! बलुचिस्तान और पख्तूनिस्थान में तो सौ वर्ष से अधिक अंग्रेजो के समय से ही अलग होने का सिलसिला जारी है! परवेज मुशर्रफ ने खुद अपनी आत्मकथा में भी लिखा है कि “इन प्रदेशों में पाकिस्तानी सेना तथा न्यायालय भी बेअसर है ! यह दोनों प्रदेश इस्लामाबाद को बिल्कुल भी नहीं मानते हैं !” एक तरह से 77 वर्षों का जायजा लिया जाये, तो पाकिस्तान एक फेल्ड स्टेट है ! जिसके फेल्युअर का सब से बड़ा उदाहरण, पच्चीस साल के भीतर पूरा पूर्व पाकिस्तान बंगला देश बनने का है ! और बलुचिस्तान और फटा (फेडरल एडमिनिस्ट्रेटिव एरिया पुराने नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर का नया नाम ) वैसे ही स्वात व्हॅली और पीओके के भी हालत है! मुझे पाकिस्तान में दो बार जाने का मौका मिला है ! और मुझे बलुचो से लेकर, स्वात तथा पीओके तथा सिंध प्रांत के लोगों के मुंह से ही पाकिस्तान के खिलाफ बातें सुनने को मिली है !


लेकिन जैसे ही भारत में हिंदू सांप्रदायिकता का भौंडा रुप पिछले चालीस सालों से देखने को मिल रहा है ! और दिन-प्रतिदिन वह और भी कुलांचे मार रहा है ! तो यह पाकिस्तानी सांप्रदायिक शक्तियों के लिए बहुत ही माकुल है ! और आज नरेंद्र मोदी पाकिस्तान में किसी भी अन्य प्रधानमंत्रियों के तुलना में अधिक पॉप्युलर है ! और यह बात स्वाभाविक है, कि जिस देश का निर्माण सिर्फ धर्म के आधार पर हुआ है ! उसके लिए सांप्रदायिकता का भारत में का उभार से और भी बल मिला है ! हिंदुत्ववादीयो की नादानी पाकिस्तान के लिए बहुत ही उपयोगी है ! उन्होंने बहुसंख्यक आबादी का हवाला देते हुए ही तो पाकिस्तान बनाने में कामयाबी हासिल की है ! तो भारत में हिंदू सांप्रदायिकता पाकिस्तान बनने की प्रक्रिया को सही ठहराने के लिए काम आ रही है !
वही बात विकास को लेकर, पस्चिम पाकिस्तान की तुलना में पूर्व पाकिस्तान के विकास की शुरुआत से ही अनदेखी की गई ! और इन सब कारणों से पूर्व पाकिस्तान के हिस्से में असंतोष बढते ही चला गया ! और 1970 के चुनाव परिणाम को पस्चिम पाकिस्तान मुखतः जुल्फिकार अलि भुत्तो के अडियल रुख के वजह से, पूर्व पाकिस्तान में अलग होने की मांग दिन-प्रतिदिन बलवती होते गई ! और पाकिस्तान के निर्माण को 25 साल पूरे होने के पहले ही पूर्व पाकिस्तान खत्म होकर बंगला देश के रूप में 16 दिसंबर 1971 को वजूद में आया !


पस्चिम पाकिस्तान में भारत से अलग होने के दस साल के भीतर जनतंत्र की जगह सेना का तंत्र हावी होने की शुरुआत 1956 से 71 तक हुई ! जनरल आयुब खान से शुरू हुई, 1977 से 1988 तक और 1999 से 2008 तक तो वह अभितक थमने का नाम नहीं ले रही है !


भले ही बीच-बीच में कुछ राजनेता चुनाव द्वारा प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति जैसे पदाधिकारी बने होंगे ! लेकिन सबके सब सेना के सामने असहाय बने रहे ! यह बात दोनो ही देशों को लागू है ! भारतीय उपमहाद्वीप के यह देश बनने के आधे से भी अधिक समय सेना के अधीन रहे हैं ! और दोनों देशों के सेना के भ्रष्टाचार के कारनामे विश्वप्रसिद्ध है ! पाकिस्तान में तो विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से लेकर, सिंचाई परियोजनाओं के प्रमुख पदाधिकारी बनने से लेकर, स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भी बडे-बडे अस्पतालों के डायरेक्टर सेना के लोग ही है ! पाकिस्तान का ट्रान्सपोर्ट व्यवसाय, माल ढुलाई से लेकर प्रवासी परिवहन सेना से रिटायर हुए बडे-बडे अफसरों के कब्जे में है ! मतलब पाकिस्तान के आर्थिक क्षेत्र में सेना का सबसे बड़ा हिस्सा मौजूद हैं ! और सबसे हैरानी की बात पाकिस्तान के निर्माण को आजसे एक सप्ताह के बाद 77 साल हो रहे हैं ! लेकिन सेना की दखलअंदाजी जीवन के हर क्षेत्र में होने की वजह से, आम पाकिस्तानी के तुलना में सेना एक डॉमेनेटिंग फोर्स बन गया है ! इस वजह से पाकिस्तान में संपत्ति का केंद्रीकरण पुराने जमिंदार और नव आमिर रिटायर्ड सेना के लोगों के पास ही बनने की वजह से ! मध्यम वर्ग लगभग नही के बराबर है ! और सबसे अमीर और सबसे गरीब यही दो वर्ग प्रमुख रूप से दिखाई देते हैं !


भले ही पूर्व पाकिस्तान के जगह बंगला देश बन गया ! लेकिन यहाँ पर भी पांच सालों के भीतर ही 15 अगस्त 1975 को सेना ने प्रधानमंत्री शेख मुजबुर रहमान और उनके पूरे परिवार को जिसमें छोटे दुधपिते बच्चों को भी मार डाला ! ( उस समय शेख हसीना वाजेद जर्मनी में थी ! इसलिए बच गई है ! ) और तबसे सेना का कब्जा हो गया था ! मतलब भारत के दोनो तरफ के देशों में जनतंत्र की हत्या कर दी गयी ! और दोनो ही देशों में सेना का आधिपत्य बन गया !


शेख हसीना वाजेद जर्मनी से सिधी भारत में आश्रय लेकर 1981 तक, श्रीमती इंदिरा गाँधी की मदद से रही ! और बंगला देश के हालात ठीक होने के बाद बंगला देश वापस आई थी ! आवामी लिग को दोबारा सक्रिय राजनीति में लाने के लिए काफी मेहनत की है ! और वह बंगला देश की प्रधानमंत्री पहलीबार 1996 में बनने में कामयाब हुई ! उसके बाद 2009 से जनवरी 2024 में पांच बार प्रधानमंत्री बनने में कामयाब रही ! लेकिन सत्ता के नशे में अंधी होकर विरोधी दलों के खिलाफ कार्रवाई करने, तथा बंगला देश के आर्थिक विकास के साथ-साथ उसका लाभ सर्वसामान्य लोगों को देने में असफल रही ! तथा चालिस प्रतिशत से अधिक बेरोजगारी रहते हुए ! बंगला देश निर्माण के दौरान शामिल लोगों के परिवार के सदस्यों को लगभग उतना ही प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया ! जिसमें कोई भी तुक नही था ! लेकिन सत्ता के नशे में, और अपने विरोधियों को शत्रु की जगह समझने की गलती की वजह से, सर्व सामान्य लोग जो 1971 के बाद पैदा हुए, उन्हें बंगला देश की आजादी से ज्यादा आज अपने रोजगार की समस्या ने परेशान किया होने की वजह से ! सांप्रदायिक दलों को यह सुनहरा मौका मिला ! और आज की स्थिति बनाने में वह कामयाब हुए ! लेकिन शेख हसीना को भी इस परिस्थिति को सम्हालने में गलतियां हुईं ! और आंदोलनकारियों को रझाकार और देशद्रोही बोल कर आग में घी डाल दिया ! और अंत में उन्हें पाँच अगस्त को सिर्फ इस्तीफा ही नहीं देना पडा, देश को भी छोडऩा पड़ा !


और अभी भी कल से सेना ने अपने नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन कर लिया है ! खालिदा जिया को हाउस अरेस्ट से रिहा कर दिया है ! ( यह मोहतरमा बंगला देश के सेना के जनरल जियाऊर रहमान की बेवा है ! ) तथा जमाते इस्लामी और खालिदा जिया दोबारा बंगला देश की राजनीति में उभरकर सामने आ रहे हैं ! दोनों के दोनों घोर सांप्रदायिक राजनीति करने वाले दल है! और बंगला देश में रह रहे अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ है ! और सबसे चिंता की बात, अगर पाकिस्तान या बंगला देश में अल्पसंख्यक हिंदू धर्म के लोगों को सताने का राजनीतिक फायदा, भारतीय जनता पार्टी को अनायास मिलता है ! अन्यथा इस पार्टी की कोई औकात नही है, कि वह भारत जैसे बहुआयामी देश के सत्ता में बनी रहेंगी !
और मुझे एशियन सोशल कांग्रेस के संमेलन में भाग लेने के लिए 2015 में बंगाल देश जाने का मौका मिला था ! और उस यात्रा में मैंने एशियन सोशल कांग्रेस के अलावा, अलग समय निकाल कर, बंगला देश में रह रहे हिंदू, तथा 1971 के बाद अधर में लटके हुए, बिहारी मुसलमानों को भी मिलने के लिए मैंने विशेष कोशिश की थी !


बिहारी मुसलमान आज ढाका का मध्यवर्ती इलाका जिन्हेंवा कैंप में किसी भी तरह की नागरिक सुविधाओं के अभाव में, और खस्ताहाल स्थिति में रह रहे हैं ! और उन्हें अभितक नागरिकता नही दी गई ! इस कारण उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलता है ! और नोकरी पेशा करने के लिए भी कोई सुविधा नहीं है ! यह आबादी बंगला देश बनने के समय दस हजार थी ! आज दस लाख से अधिक है ! और उनके माता-पिता को छोड़कर उन्हें बंगला में ही बोलते हुए देखा हूँ ! अब वह शतप्रतिशत बंगाली बन गए हैं ! लेकिन सरकारने उन्हें तबतक नागरिकता नही दी थी ! जिसके लिए हमने भी पैरवी की है ! हमने कहा कि अब बंगला देश को बनकर पचास साल होने जा रहे हैं ! इनके माता – पिता जनरल आयुब खान के अपिल के वजह से बिहार छोड़कर नया मुल्क के निर्माण में हाथ बटाने के लिए आए थे ! लेकिन उनके वहां पहुंचने के चंद दिनों में स्वतंत्र बंगला देश के आंदोलन की शुरूआत हुई ! और 1971 में बंगला देश बन गया ! और पाकिस्तान अपना दिया हुआ वादा पूरा करने से रहा !


मैंने जम्मू-कश्मीर के कश्मीरी पंडितों के जम्मू के आसपास के कैम्प से लेकर, लेबनान, सिरिया, तथा गाझा पट्टी मे रह रहे फिलिस्तीनी लोगों के भी कैम्प देखे हैं ! लेकिन ढाका के मध्य में स्थित जिन्हेंवा कैम्प सबसे खस्ता हालत में है ! सॅनिटेशन नही प्रॉपर पिने के पानी की सप्लाई नहीं ! और पूरे कैम्प कचरे के ढेर में देखकर मुझे वहां पर पूरा एक दिन रहने के बावजूद, कुछ भी खाने-पीने की इच्छा नहीं हुई थी !


बंगला देश के बनने के बाद, आज भी एक करोड से भी अधिक हिंदू बंगला देश में रह रहे हैं! और सबसे अधिक ढाका के धनमंडी इलाके में रह रहे हैं ! मै पूरा एक दिन उस इलाके में था ! वहीं पर ढाकेश्वरी का पुराना मंदिर है ! जिसके नाम पर ढाका शहर का नाम है ! उसी मंदिर के आहाते में बंगला देश के हिंदूओं का कार्यालय भी है ! जिसमें मुझे पदाधिकारियों को मिलने का मौका मिला है ! और उन्होंने कहा कि जब तक शेख हसीना वाजेद की सरकार है, हम लोग सुकून से है ! खालिदा झिआ के समय हमें बहुत ही दहशत में रहना पड़ता है ! मतलब शेख हसीना वाजेद के बंगला देश की राजनीति में कुछ गलतियां जरूर हुई है ! लेकिन सेक्युलरिज्म को लेकर उन्होंने अपने पंद्रह साल के सत्ता के दौरान, अल्पसंख्यक समुदायों को सुरक्षित रखने की कोशिश की है ! यह बात आज बंगला देश में रह रहे एक करोड़ हिंदूओं के लिए चिंता का विषय है ! कल जिस तरह से प्रधानमंत्री आवास पर भीड ने हमला करते हुए लुटपाट कर रहे थे ! और सबसे घटिया बात उस घर से सामान को चुराने के साथ – साथ महिलाओं के अंतर्रवस्र हाथों में लेकर प्रदर्शन कर रहे थे ! चुन- चुन कर आवामी लिग के नेताओं के उपर हमले शुरू हो गए हैं !

और जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बगैर बंगला देश का निर्माण किया उस बंग बंधू शेख मुजबुर रहमान के मुर्तियां तोड़ने के लिए क्रेन और बुलडोजर के साथ और कुछ अतिउत्साही नौजवान तो उनके मूर्ति के उपर चढकर हथोड़ो से तोड़ने की कोशिश करते हुए देखा जा रहा है ! बिल्कुल ऐसा ही नजारा रशिया में ग्लासनोत- प्रिस्तौरिका के बाद 1989-90 के दौरान, कार्ल मार्क्स और लेनिन के मूर्तियों के साथ रशिया पोलैंड तथा पूर्वी जर्मनी में हुआ था ! और 2003 में अमेरिकी हमले के दौरान इराक में सद्दाम हुसैन की मुर्तिया और उसके भवनों के साथ हुआ था ! जो आजकल बंगला देश में रविवार से जारी है !


वैसे ही मुझे चिंता हो रही है, कि यही बेकाबू भिड बंगला देश में रह रहे हिंदूओं के उपर भी हमले शुरू कर सकते हैं ! क्योंकि ज्यादा तर हिंदू शेख हसीना वाजेद के समर्थक रहे हैं ! और इस्लामीक मुलत्ववादी उन्हें टार्गेट करने की काफी संभावना है ! बंगला देश के अन्य हिस्सों में छुटपुट घटनाओं के होने की खबर है ! लेकिन यह आग बंगला देश के अन्य क्षेत्रों में, और मुख्यतः ढाका में अगर हिंदूओं के उपर हमले होते हैं ! तो बहुत ही भयावह स्थिति बन सकती है ! और भारत के हिंदुत्ववादी संघटनाओ की बांखे खिल जा सकती है ! क्योंकि पाकिस्तान का निर्माण होना ही हिंदुत्ववादी संगठनो का सब से बड़ा मुद्दा है !
वैसे तो अभी तक की खबर में सेना ने अंतरिम सरकार के गठन में हिंदू को भी शामिल किया है ! और वर्तमान सेनाध्यक्ष शेख हसीना वाजेद की चचेरी बहन के दामाद है ! और उम्मीद है कि वह सेक्युलर होंगे ! और बंगला देश में रह रहे हिंदुओं को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेंगे इस उम्मीद के साथ !

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