अपने काम, व्यवहार और आचरण से निर्विवाद रहने वाले बोहरा समुदाय पर बड़ी धोखाधड़ी करने की शिकायत की गई है। मप्र में गुना जिला मुख्यालय पर दर्ज हुई इस FIR में बोहरा समाज के धर्मगुरु डॉ सैयदना को आरोपी बनाया गया है।
मामला गुना जिला मुख्यालय पर बने बोहरा कॉम्प्लेक्स से जुड़ा है। बोहरा समाज की स्थानीय प्रबंधन कमेटी ने इस कॉम्प्लेक्स का निर्माण कराया है। कॉम्प्लेक्स में बनाई गई करीब ८४ दुकानों का आवंटन लाखों रुपए की प्रीमियम राशि और हजारों रुपए महीना किराए पर किया गया था। लेकिन बताया जाता है कि जिला प्रशासन ने इस निर्माण को अवैध और नियम विपरीत करार देते हुए इसे तोड़ने की कार्यवाही करने की तैयारी की है।
डॉ सैयदना को आरोपी बनाया
फरियादी अभिषेक कुमार तिवारी ने सोमवार रात को गुना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें मुख्य आरोपी बोहरा समुदाय के धर्मगुरु डॉ सैयदना मुफद्दल सैफ उद्दीन को बनाया है। इस शिकायत में गुना की स्थानीय कमेटी के हकीम भाई सैफी को भी दोषी करार दिया है। अभिषेक तिवारी ने बताया कि उन्होंने बोहरा कॉम्प्लेक्स में बनी ८४ दुकानों में से तीन दुकान उन्होंने २१ लाख रुपए की पगड़ी और २८०० रुपए प्रति माह किराए पर ली थीं। शहर के अन्य लोगों ने भी इस कॉम्प्लेक्स में दुकानें ली थीं। लेकिन जिला प्रशासन ने इस निर्माण को अवैध करार दिया है। जिसके बाद यहां दुकान लेने वाले व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है। शिकायत पर अभिषेक तिवारी के अलावा बाकी दुकानदारों ने भी हस्ताक्षर किए हैं। इस शिकायत के आधार पर कोतवाली पुलिस ने डॉ सैयदना, हकीम भाई सैफी और अन्य लोगों के खिलाफ भादवि की धारा ४२० के तहत मामला दर्ज किया है।
डॉ सैयदना इसलिए बने आरोपी
जानकारी के मुताबिक बोहरा समुदाय की देश दुनिया में मौजूद हर संपत्ति का उत्तराधिकारी डॉ सैयदना को माना जाता है। इस लिहाज से बोहरा कॉम्प्लेक्स की दुकानों का एग्रीमेंट भी उन्हीं के नाम से किया गया है। इस अनुबंध में डॉ सैयदना का पता माल बार हिल्स, मुंबई दर्ज किया गया है।
जिला प्रशासन जुटा बचाव में
सूत्रों का कहना है व्यापारियों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के दौरान इस बात को स्पष्ट नहीं किया था कि आरोपी बनाए जा रहे व्यक्ति बोहरा समुदाय के धर्मगुरु हैं और उनकी अंतरराष्ट्रीय छवि है। बताया जा रहा है कि शिकायत के बाद इस बात की जानकारी के बाद जिला प्रशासन इस मामले से डॉ सैयदना का नाम हटाने की कोशिश में जुटा है। बताया जा रहा है प्रशासन ने इस FIR की बात मीडिया से बचाने की कोशिशें भी तेज कर दी हैं।