कुछ हो न हो लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप अपने राजनीतिक एजेंडे को लेकर बहुत ही क्लीयर हैं. तेजप्रताप ने बार-बार कहा है कि वह कृष्ण हैं और तेजस्वी अर्जुन. तेजस्वी को सत्ता दिलकार ही वह कोई दूसरा काम करेंगे. तेजप्रताप शुरू से ही चाहते हैं कि सत्ता की बागडोर तेजस्वी के पास रहे और पार्टी की उनके पास. अभी हाल में ही लालू प्रसाद से मुलाकात के बाद लगता है उन्हें संजीवीनी मिल गई है. वह खुद कह रहे हैं कि लालू प्रसाद ने उनसे पार्टी को मजबूत करने को कहा है. कुछ दिन पहले तो वह पार्टी कार्यालय में अचानक जाकर लालू प्रसाद की कुर्सी पर भी बैठ गए थे. तेजप्रताप ने गांधी मैदान में बड़ी रैली का ऐलान कर रखा है कि ताकि देश दुनिया उनकी संगठन क्षमता को देख सके. वह कह रहे हैं कि वृंदावन से वह सुदर्शन चक्र लाए हैं जिनका इस्तेमाल राजनीति में होगा. आसन्न चुनावों में जब यह चक्र चलेगा, सांप्रदायिक ताकतें नेस्तनाबूत हो जाएंगी.
मिल गया नया बंगला
रांची से लौटने के बाद तेजप्रताप जोश में हैं और अपनी अगली रणनीति बना रहे हैं. इस बीच उनके लिए एक और अच्छी खबर यह आई कि पटना में उनको चाचा नीतीश कुमार की कृपा से एक बड़ा बंगला मिल गया है. बचपन से अणे मार्ग और सर्कुलर रोड में लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के सरकारी आवासों में रहने वाले तेज प्रताप यादव ने अब अपने लिए पटना में नया आशियाना तलाश लिया है. उनका निवास जीतनराम मांझी के आवास के करीब ही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर विधानसभा पूल से तेज प्रताप को जो बंगला आवंटित होने जा रहा है उसकी प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है. सिर्फ अधिसूचना बाकी है. पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक लेने की अर्जी दाखिल करने के बाद से ही तेज प्रताप पटना में अपने लिए अलग सरकारी आवास चाह रहे थे. इसके लिए उन्होंने सबसे पहले भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी एवं सचिव चंचल कुमार से गुजारिश की थी. वहां से टालमटोल होने के कारण उन्होंने सीधे मुख्यमंत्री से संपर्क करने की कोशिश की.