सीतामढ़ी मॉब लिंचिंग मामले को लेकर बिहार के पूर्व मंत्री तेजस्वी यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि अभी तक बिहार सरकार ने जुनैद अंसारी के मारने वाले दंगाइयों को इसलिए नहीं पकड़वाया है कि वो किसी और को भी इसी तरह निर्ममता से जलाए.
25 दिन पहले बिहार के सीतामढ़ी में संघ प्रशिक्षित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा संरक्षित उन्मादी भीड़ ने 82 वर्षीय बुजुर्ग जैनुल अंसारी को जमकर पीटा फिर गला रेत सरेआम चौक पर जिंदा जला दिया था। और तो और प्रशासन ने उन्हें 75 किमी दूर दूसरे जिले में दफ़नाया। https://t.co/RLuhATVd4S
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 14, 2018
इसी के साथ तेजस्वी यादव ने अन्य ट्वीट कर कहा कि नीतीश कुमार जी हमसे महागठबंधन छोड़कर इसलिए भागे थें. क्योंकि हमारे रहते है उन्हें राज्य में ऐसा कृत्य करवाने की इजाजत नहीं मिलती.
जनादेश के चीरहर्ता एवं सृजन चोर मुखिया आदरणीय नीतीश कुमार की नकारा पुलिस ने अभीतक जानबुझकर 82 वर्षीय बुज़ुर्ग को ज़िंदा जलाने वाले दंगाईयों को नहीं पकड़ा है ताकि वो दरिंदे फिर किसी और को ज़िंदा जला सके और नीतीश जी चुनाव से पहले सांप्रदायिक तनाव पैदा कर वोटों की फ़सल काट सके।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 14, 2018
वहीं दूसरी तरफ, तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार इस घटना की आड़ में साम्प्रदायिक वोट प्राप्त करना चाहते हैं. इसलिए अभी तक उन्होंने जूनैद अंसारी के हत्यारों को नहीं पकड़वाया है.
बता दें कि आज से 25 दिन पहले सीतमढ़ी जिले में उन्मादी भीड़ ने एक 82 साल के बुजुर्ग को बेहद निर्ममता से पीटा. इतना ही नहीं उस उन्मादी भीड़ का तो पीटने से भी दिल नहीं भरा. उन्होंने उस बुजुर्ग आदमी को बीच चौराहे पर जिंदा जला दिया.
इस घटना के बाद से पूरे जिले में भयवाह माहौल बना हुआ है. इस घटना के तीन दिन बाद तक बुजुर्ग के परिजनों को इस घटना के बारे में पता नहीं चला. क्योंकि, इस घटना के बाद से राज्य में इंटरनेट सेवा बंद हो गई थी. जिसके कारण बुजुर्ग के परिजनों का बुजुर्ग से कोई सम्पर्क नहीं हो पा रहा था.
जनादेश चोर सांप्रदायिक मुख्यमंत्री की अंतरात्मा महागठबंधन में इसलिए घुट रही थी क्योंकि हमारे रहते उन्हें किसी को ज़िंदा जलवाने और सांप्रदायिक दंगे प्रायोजित करवाने की छूट नहीं थी।
हमने दंगाईयों के नकेल डाल रखी थी। गोडसे के उपासक सीएम की नैतिकता अब मजे में है क्योंकि संघी संग है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) November 14, 2018
हालांकि, बाद में जब राज्य मं इंटरनेट व्यवस्था बहाल हुई, तब जाकर परिजनों के पास बुजुर्ग की हत्या का एक फोटो पहुंचा, जिससे बुजुर्ग की पहचान हो पाई. बताया ये भी जा रहा है कि प्रशासन की दबाव के चलते बुजुर्ग के परिजने शव को अपने पैतृक स्थान में नहीं दफना सकें. उन्होंने बुजुर्ग को अपने पैतृक गांव से 75 किलोमीटर दूर मुजफ्फरपुर में दफनाया.