यूपी। ललितपुर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक किशोरी ने 25 लोगों के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें पिता और रिश्तेदारों के अलावा सपा-बसपा के जिलाध्यक्ष भी शामिल हैं। किशोरी का आरोप है कि पांच साल से मां को नशे में रखकर पिता गंदे काम करा रहा है। मुंह खोलने पर मां को मारने की धमकी देता है। साजिश रचने में किशोरी ने पांच महिला रिश्तेदार पर भी केस दर्ज कराया है। उधर, सपा और बसपा के जिलाध्यक्ष का कहना है कि यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है।
मां के साथ मंगलवार को ललितपुर कोतवाली पहुंची 17 साल की किशोरी के एफआईआर दर्ज कराते ही हड़कंप मच गया। एफआईआर के अनुसार, 12 साल की उम्र में जब वह कक्षा 6 की छात्रा थी तब पहली बार पिता ने ही बहाने से खेत में ले जाकर रेप किया और मुंह खोलने पर मां को मार डालने की धमकी दी। इसके बाद पिता, मां को नशे की दवा देकर बेहोश कर उसके साथ दरिंदगी करता रहा। कुछ दिन के बाद पिता उसे स्कूल से लेने आया और रास्ते में पानी के बतासे खिलाने के बहाने एक होटल में ले गया। यहां उसे एक औरत के सुपुर्द कर दिया जो उसे होटल के कमरे में ले गई। कुछ देर बाद वहां एक आदमी पहुंचा, इसी बीच वह बेहोश हो गई।
महिला ही उसे घर छोड़ गई। होश में आने पर पता चला उसके साथ रेप किया गया है। जब पिता से इसका विरोध किया तो उसने जान से मारने की धमकी दी, फिर वह डर गई। इसके बाद आए दिन पिता उसे स्कूल से बदल-बदल कर होटलों ले जाने लगा। जहां उसके साथ अलग-अलग लोग दुष्कर्म करते रहे। उसने बताया जब भी वह वापस घर पहुंचती तो मां हमेशा बेहोश मिलती थी। किशोरी के अनुसार, पिता ने उसे सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव और बसपा जिलाध्यक्ष दीपक अहिरवार को भी सौंपा।
पुलिस ने इस मामले में तिलक यादव, राजू यादव, महेंद्र यादव, अरविंद यादव, प्रबोध तिवारी, सोनू समैया, राजेश जैन जोझिया, महेंद्र दुबे, नीरज तिवारी, महेंद्र सिंघई, दीपक अहिरवार और कोमलकांत सिंघई समेत 28 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली।
मेरी छवि और परिवार को बर्बाद करने का प्रयास हो रहा
विरोधियों द्वारा राजनीतिक द्वेष भावना से एक फर्जी मामला बनाकर नाबालिग लड़की से झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसमें उसके चार भाइयों, सपा के नगर अध्यक्ष का नाम भी लिखा दिया गया है। इसके अलावा एक पार्षद और बीएसपी के जिलाध्यक्ष का नाम भी लिखाया है। लड़की ने अपने पिता, चाचा और ताऊ पर भी आरोप लगाए हैं। एफआईआर देखकर ही लग रहा है कि पूरा मामला झूठा है।
इस मामले में जिला प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग करता हूं। यदि कोई दोषी है तो उसे दंडित किया जाए, लेकिन झूठा न फंसाया जाए। यह उनके खिलाफ षड़यंत्र किया गया है। यदि उनकी छवि को और उनके परिवार को बर्बाद करने का प्रयास किया जाएगा तो वह आत्महत्या करने को विवश होंगे। उस महिला का पति से विवाद है और उसने बहकावे में आकर यह सब किया है। इस मामले में वह बुधवार को डीएम को ज्ञापन देकर निष्पक्ष जांच की मांग करेंगे।
-तिलक यादव, जिलाध्यक्ष समाजवादी पार्टी।