टाटा ग्रुप ने सरकार को बताया है कि वह अपने 21 साल पुराने टेलीकॉम सर्विस वेंचर को जल्द ही बंद करने जा रही है. टाटा ग्रुप के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर सौरभी अग्रवाल और टाटा टेलीसर्विसेस के मैनेजिंग डायरेक्टर एन श्रीनाथ दोनों ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्यूनिकेशंस के अधिकारियों से मीटिंग की और अपने मौजूदा स्पेक्ट्रम को सरेंडर या बेचने के बारें में बातचीत की है.
हालांकि, कंपनी ने फिलहाल इस बारें में अभीतक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है लेकिन खबरों के मुताबिक टाटा सेल्स मार्केटिंग टीम से 500 से 600 कर्मचारियों को जॉब से निकाल दिया गया है.
बता दें कि टाटा टेलीसर्विसेस की स्थापना 1996 में लैंडलाइन ऑपरेशन के साथ की गई थी और 149 साल के इतिहास में बंद होने वाली यह पहली बड़ी यूनिट होगी.
टाटा के दूरसंचार कारोबार का दायरा देशभर के 19 दूरसंचार सर्किल तक विस्तृत है. हालांकि उसके ग्राहकों की संख्या लगातार घट रही है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के ताजा आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2017 तक उसके वायरलेस उपयोगकर्ताओं की संख्या घटकर 4.2 करोड़ रह गई जो जून में 4.37 करोड़ रही थी. साथ ही टाटा टेलीसर्विसेज की बाजार हिस्सेदारी घटकर महज 3.55 फीसदी रह गई है.
हालांकि सेवाएं बंद करने से 30 दिन पहले कंपनी को अपने यूजर्स को नोटिस देना होगा।