रांकपा के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. बता दें कि पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने तारीक अनवर को पार्टी की सदस्यता दिलवाई. इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थें.
बता दें की रांकपा के अध्यक्ष शरद पवार ने राफेल को लेकर बयान जारी कर कहा था कि लोगों को राफेल डील पर प्रधानमंत्री की मंशा पर कोई शक नहीं है. शरद पवार के इस बयान से तारिक अनवर ने आपत्ति जताई थी.
इसी को ध्यान में रखते हुए तारिक अनवर ने पार्टी से इस्तीफा दें दिया और शनिवार को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली. वैसे तो तारिक अनवर का कांग्रेस से पुराना नता रहा है. क्योंकि उन्होंने अपने राजनीतिक सफर का आगाज ही कांग्रेस पार्टी से किया था. तारिक अनवर ने छात्रकाल के दौरान ही कांग्रेस के छात्रसंघ से जुड़े थे और आगे चलकर 1977 में कटीहार लोकसभा सीट से कांग्रेस की तरफ से लोकसभा का चुनाव लड़े लेकिन वो जीत नहीं पाए.
आगे चलकर 3 साल बाद यानि की 1980 में चुनाव जीतकर संसद पहुंचे और 1985 में दुबारा चुनाव में जीत हासिल की और सांसद बने. इसके साथ ही कांग्रेस यूथ के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने.
1988 में वे कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने, 1989 में बिहार कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने, 1993 में बिहार कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक मंत्रालय के अध्यक्ष बने, 1996 में तारिक अनवर चौथी बार लोकसभा का चुनाव जीते और पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में प्रधानमंत्री के राजनीतिक सचिव बने, 1998 में उन्होंने एक बार फिर से लोकसभा के चुनाव में अपनी जीत दर्ज कराई, लेकिन 1999 आते ही उन्होंने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और साल 1999 में ही तारिक अनवर, शरद पवार और पीए संगमा ने मिलकर रांकपा नामक पार्टी का गठन किया.