नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। मोदी सरकार के 3 साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में केंद्र की सरकार के कामों का विश्लेषण हर मंच पर किया जा रहा है। मोदी सरकार के आने से पहले वादों और दावों का एक सैलाब जनता के द्वारों तक पहुंचा था। अब ये देखा जा रहा है कि सरकार पिछले 3 सालों में अपने वादों और दावों को लेकर कितनी गंभीर है। क्या मोदी के प्रति लोगों में वैसी ही दीवनगी बरकरार है जैसी चुनावों से पहले दिखा करती थी।
लोकनीति-सीएसडीएस-एबीपी न्यूज ने मोदी सरकार के 3 साल के काम काज का सर्वे किया और लोगों से ये जानने की कोशिश की, मोदी सरकार अपने वादों पर कितना खरा उतर रही है। सर्वे के मुताबिक लोगों में मोदी के प्रति विश्वास वैसे ही बरकरार है जैसे चुनाव से पहले दिखाई देता था। सर्वे के अनुसार अगर अभी मौजूदा स्थिति में चुनाव कराए जाएं तो एनडीए को 331 सीटें मिलने का अनुमान है। जोकि 2014 के चुनावों से सिर्फ 4 सीटें कम हैं। मतलब मोदी फिलहाल तो जनता के मनमाफिक काम कर रहे है।
तो वहीं यूपीए अभी भी उस हिसाब से वापसी करती दिखाई नहीं दे रही है जिसकी उम्मीद थी। सर्वे के मुताबिक यूपीए को 104 सीटें मिल सकती हैं। वैसे उसके लिए 44 सीटों का फायदा होगा, लेकिन ये 44 सीटें मोदी की अगुवाई वाले एनडीए से न आकर अन्य के खाते से आ रही हैं। सर्वे के अनुसार अन्य के खाते में 108 सीटें का अनुमान हैं जोकि पिछली बार के नतीजों से 40 सीटें कम हैं।
सर्वे के मुताबिक बीजेपी के खाते में 8 फीसदी वोटों का इजाफा होने का अनुमान हैं तो वहीं यूपीए के खाते में भी 2 फीसदी वोटर्स बढ़ने का अनुमान है। जबकि अन्य के खाते से वोटर्स खिसकते ही दिखाई दे रहे हैं। बसपा का वोट प्रतिशत 3 प्रतिशत होने का अनुमान है जबकि पिछले चुनाव में ये 4 प्रतिशत था। ऐसा ही कुछ वाम दलों के साथ भी दिखाई दिया, सर्वे के मुताबिक वामदल का वोट प्रतिशत 1 फीसदी और गिरने का अनुमान है।