नई दिल्ली (निरंजन मिश्रा)। पूर्व सांसदों को दिए जा रहे पेंशन और भत्तों के कारणों की पड़ताल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और इलेक्शन कमीशन को नोटिस भेजा है. सुनवाई कर रही बेंच ने लोकसभा और राज्यसभा सेक्रेटरी को भी नोटिस जारी किया है. यह नोटिस उस याचिका के बाद भेजा गया है, जिसमें सांसदों को दिए जा रहे पेंशन और भत्तों को खत्म कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट से पहल करने की अपील की गई है.
लोक प्रहरी नामक एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका दायर की थी. एनजीओ की पिटीशन में कहा गया कि पूर्व सांसदों और विधायकों को जो पेंशन दी जा रही है, वो रूल्स में शामिल नहीं है. ये सिचुएशन हकीकत में आम जनता पर बोझ की तरह है. टेन्योर खत्म होने के बाद भी पेंशन और भत्ते जारी रखना कॉन्सटिट्यूशन के आर्टिकल 14 यानि समानता के अधिकार का उल्लंघन है.
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