सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ सेडिशन केस को रद्द कर दिया है। दुआ के खिलाफ ये केस हिमाचल प्रदेश पुलिस ने पिछले साल दर्ज किया था. ये मामला विनोद दुआ की एक वीडियो से संबंधित था, जो उन्होंने YouTube पर अपलोड की थी और जिसमें केंद्र सरकार के कोविड लॉकडाउन की आलोचना की थी।
फैसला जस्टिस यूयू ललित और विनीत सरन की बेंच ने सुनाया। जून 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दुआ को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दी थी । हालांकि, तब बेंच ने FIR पर स्टे लगाने से इनकार कर दिया था।
FIR में आरोप लगाया गया था कि ‘विनोद दुआ शो’ के दौरान पत्रकार ने जो टिप्पणी की थीं, वो सांप्रदायिक नफरत फैलाने और शांति भंग कर सकती थी।
विनोद दुआ के खिलाफ IPC सेक्शन 124A (सेडिशन), सेक्शन 268 (सार्वजनिक उपद्रव), सेक्शन 501 (अपमानजनक चीजें छापना) और सेक्शन 505 (सार्वजनिक शरारत करने का इरादा रखने) के आरोपों में केस हुआ था।
दुआ पर डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत भ्रामक जानकारी और झूठे दावे करने के भी आरोप लगे थे।