2जी मामले में जांच प्रक्रिया में ढिलाई बरतने पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी के अधिकारियों को फटकार लगाई है. साथ ही निर्देश दिया है कि छह महीने में 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की जांच पूरी की जाए.
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि ये मामले देश के लिए गम्भीर हैं. इन मामलों पर देश को अंधेरे में नहीं रखा जा सकता. लोग चिंतित हैं कि अब तक इस मामले में जांच पूरी क्यों नहीं हुई? हम भी इस मामले में जांच प्रक्रिया से बेहद निराश हैं.
इसके साथ ही केंद्र के खिलाफ दाखिल अवमानना याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. याचिका में 2जी मामले में वकील आनंद ग्रोवर को हटाकर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को स्पेशल प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किए जाने पर एतराज जताया गया था.ग्रोवर को सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में नियुक्त किया था.
सीबीआई के स्पेशल कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री राजा और डीएमके नेता कनिमोझी को बरी कर दिया था. इनके साथ ही 44 आरोपियों और कई कंपनियों को भी राहत दी गई थी. जज ने अपने फैसले में कहा था कि यह केस सिर्फ अटकलों पर बेस्ड है. सात साल सबूतों का इंतजार करने के बाद मेरी सभी उम्मीदें बेकार साबित हुई हैं. हालांकि सीबीआई ने कहा है कि वो इसके खिलाफ अपील करेगी.