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20 जुलाई से चल रही ट्रांसपोर्टरों की देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल आखिरकार आठ दिनों बाद शुक्रवार को खत्म हो गई. इस हड़ताल के दौरान देशभर में करीब 93 लाख और महाराष्ट्र में लगभग 16 लाख ट्रकों के पहिए थमे रहे.

देशभर में हुई इस हड़ताल से करीब 30,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ. केवल महाराष्ट्र में करीब 5000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. इस हड़ताल से सामानों का आवागमन रुक गया था. फैक्ट्रियों में होने वाला उत्पादन ठप्प हो गया. बाजार में जरूरत के सामानों की कमी दिखने लगी. इस दौरान करीब एक लाख लोगों को अपनी रोजी रोटी गंवानी पड़ी थी.

हड़ताल से पहले सरकार ने ट्रांसपोर्टरों को मनाने की भरसक कोशिश की थी. खुद केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने उनकी मांगों के संदर्भ में कुछ ऐलान किए थे. इनमें ट्रकों के एक्सल लोड में 25-35 फीसद तक की बढ़ोतरी, साल के बजाय दो साल में फिटनेस सर्टिफिकेट तथा ओवरलोडिंग पर टोल जुर्माने में कमी जैसे अहम ऐलान शामिल हैं.

ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल समाप्त होने की घोषणा के बाद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट कर इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि सरकार ट्रांसपोर्टरों की मांगों के प्रति संवेदनशील है. उन्होंने लिखा ऑल इंडिया मोटर कांग्रेस का हड़ताल समाप्त करने का निर्णय सराहनीय है. उन्होंने सरकार की अपील को मानते हुए अपनी हड़ताल वापस ली है. कई मांगे हमने पहले ही मान ली थी, शेष मांगो पर विचार- विमर्श के लिए हमने उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी है.

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