1906 मे जिस ढाका के नवाब साहब की पहल से मुस्लिम लिग नाम पर राजनीतिक दल की स्थापना होती है और उसी बंगाल के दुसरे हिंदुत्ववादी निर्मल कुमार चट्टर्जी और कुछ महाराष्ट्र के हिंदू सांप्रदायिक लोगों की पहल से मुस्लिम लिग के देखा-देखी मे 1909 मे हिंदुओं का दल हिंदू महासभा जैसे द्विराष्ट्र के सिद्धांत वालो को सत्तर साल के भीतर ही झन्नाटेदार तमाचा है कि भारत के विभाजन धर्म का आधार मानकर करने की बात का पराजित होना यानी बंगलादेश की निर्मिती है !
साथियों यह साल बंगाला देश की मुक्ति के अर्धशतक मनाने का साल होने के कारण मुझे यह पोस्ट लिखने की प्रेरणा हो रही है ! असल मे 1947 मे भारत विभाजन के बाद पाकिस्तान में पहली बार (हालांकि इस के पहले भी चुनाव हुए हैं लेकिन फर्जी !) चुनाव करने के कारण पाकिस्तानी संसद के 300 सदस्यों में से 161 अकेले तत्कालीन पूर्व पाकिस्तान के हिस्से से होने के कारण पाकिस्तान के पस्चिमी हिस्सेदार जिनकी पाकिस्तान की हुकूमत पर शूरू से ही कब्जा करने की मानसिकता के कारण पाकिस्तान के पस्चिमी हिस्सेदारो को अच्छी तरह से मालूम था कि जब भी सही चुनाव होगा पूर्व पाकिस्तान के हिस्से से ज्यादा सदस्य चुनाव में संसद में चुनकर आयेंगे इसलिए बटवारे के तेइसवां साल पूरे होने पर पहली बार 1970 को दिसंबर के महिने में चुनाव संपन्न हुआ और शेख मुजबूर रहमान की अवामी लीग पार्टी ने 39-2% मत यानी कुल 12,937,162 मतदाताओके मतोसे 160 सदस्यों को लेकर चुनाव जिती थी और इसके उलट झुल्फिकार अली भुट्टों की पी पी पी 81 सदस्यों के साथ सिर्फ 6,148,923 मतदाता ओके मत यानी 18-6% अवामी लीग पार्टी के मुकाबले आधे से ज्यादा कम प्रतिशत और सदस्य भी लेकर जीत हासिल करने के कारण भुट्टों ने तत्कालीन राष्ट्रपति याह्या खान ने पूर्व पाकिस्तान के ही नूरूल अमिन को अंतरिम प्रधानमंन्त्री बनवाकर दोनों नेताओं मे आपसी सहमति बनाने के लिए विशेष रूप से समय दिया है !
और झुल्फिकार अली भुट्टों की पी पी पी के आधे सदस्य होने के बावजूद वह मुजबूर रहमान की अवामी लीग पार्टी की सरकार बनने के लिए विरोध करने के कारण पहले से ही पूर्व पाकिस्तान के हिस्सेमें पस्चिमी पाकिस्तान की दादागिरी और भाषा से लेकर प्रशासन मे के व्यवहार से नाराज चल रहे थे ! और जोर जबरदस्ती से उर्दू को पूर्व पाकिस्तान के हिस्से से भी व्यवहार करने के कारण एक तरह से समस्त पूर्व पाकिस्तान के हिस्से से आंदोलन शुरू हुआ है ! और संपूर्ण 1971 का साल पूर्व पाकिस्तान के हिस्से की आवाज दबाने के लिए ऑपरेशन सर्चलाइट नाम से पाकिस्तानी सेना ने पूर्व पाकिस्तान पर सेना के द्वारा जो अत्याचार किये जिसमें दस लाख से भी ज्यादा बंगालियों की हत्या और लाखों महिलाओं के साथ बलात्कार करने की और ढाका विश्वविद्यालय के एक हजार साल से भी ज्यादा शिक्षक और बुद्धिमान विद्यार्थियों की हत्या की रिपोर्ट ढाका स्थित अमेरिकीवाणिज्य दूतावास के प्रमुख आर्चर ब्लड ने खुद तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति निक्सन और तत्कालीन विदेश सचिव हेनरी किसिंजर को ढाका स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के प्रमुख आर्चर ब्लड ने अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए पाकिस्तान की सेना के अत्याचार के ब्योरेवार जानकारी समय समय पर वाॅशिग्टन भेजनेके बावजूद निक्सन-किसिंजर की जोड़ी पाकिस्तान को बेतहाशा मदद कर रहे थे और अमेरिका के पाचसौ साल से चले आ रहे साम्राज्यवादी शोषण के लिए विशेष रूप से 1492 को अमेरिका की खोज करने वाले क्रिस्टोफर कोलंबस ने 15000 साल पुराना उत्तर अमेरिका के प्रदेश की मुल प्रजातियो को योजना बद्ध तरीके से खत्म करने का अभियान मे खुद कोलंबस ने दो करोड़ से भी ज्यादा स्थानीय लोगों को मौत के घाट उतार दिया था! और 1600 शति यानी सौ साल के भीतर उत्तर अमेरिका की भूमि पर अधिपत्य स्थापित किया है ! और आज भी विएतनाम से लेकर सिरिया इराक,इराण अफ्रीका तथा फिलिस्तीन और पाकिस्तानमे बनने के समय से ही अधिनायकवादी सरकार रहने के बावजूद पाकिस्तान बनने के सात साल के भीतर ही पाकिस्तान को सोवियत संघ के विरुद्ध इस्तेमाल करने की कूटनीतिक चालों के लिए विशेष रूप से भी दुनिया के असंख्य देशोकी जनता को अपने साम्राज्यवादी शोषण के पुराने हथकंडो के तहत जीतने लोगों को अमेरिका के सरकार ने मारे होंगे उतना आकडा किसी का नहीं होगा !
और इसीलिये आर्चर ब्लड के ढाकासे भेजें गये रिपोर्ट को कचरे की टोकरी में डाल कर निक्सन-किसिंजर की जोड़ी पाकिस्तान को बेतहाशा मदद कर रहे थे ! और इस मदद का कारण देते थे कम्युनिस्ट विरोध और पाकिस्तान बनने के सात साल के अंदर 1954 से ही सोवियत संघ के विरुद्ध इस्तेमाल करने का स्टॅटेजिक पाइंट के तौर पर बेतहाशा मदद कर रहे थे और अभी तो ऊसके साथ अफगानिस्तान,सऊदी अरब,इस्राइल,और कमधीक तुलनामे समस्त विश्व को कहा तो गलत नहीं होगा और गत कुछ वर्षों में भारत भी उसमें शामिल हो गया है ! मुख्य रूप से नरेंद्र मोदी के सरकार मे आने के बाद खुलकर नंगा नाच चल रहा है !लेकिन उसके बावजूद पाकिस्तान,अफगानिस्तान के तालिबान के निर्माण के लिए विशेष रूप से अमेरिका ही जिम्मेदार है और इसीस को भी आज इराक तथा सिरिया की भूमि पर कौन पाल रहा है ? अबू बक्र बगदादि नाम का पचास साल के उम्र के एक इराकी मुल्ला ने स्थापित किये इसीस को आधुनिक हथियारों का जखिरा कौन पहुंचा रहा है और वह भी एक इस्लामिक स्टेट लिवेंट के नाम पर ! और यह बात मैंने अपने आँखो से समस्त इराक की और सीरिया की यात्रा के अनुभवों से लिख रहा हूँ ! किसी जमाने के बाबिलोन और मेसोपोटामिया के विकसित संस्कृति का यह प्रदेश आज खंडहर में तब्दील कर दिया जा रहा है और और उसके बावजूद समस्त विश्व के सभ्य समाज में जो प्रतिक्रिया होनी चाहिये वह नहीं दिखाई दे रही है !
जो विएतनाम युद्ध के खिलाफ अमेरिकी रक्षा मंत्री की बेटी भी लाखों अमेरिकी लोगों के साथ उस समय विरोध करने के लिए विशेष रूप से अमेरिका के रास्तेपर उतर पडे थे ! क्या बात है कि वही अमेरिकी और विश्व के सभी लोगों को अकेला तीन करोड़ से भी कम आबादी के इराक में पंद्रह लाख से भी ज्यादालोगों को मारा गया है जिसमें पाँच लाख से भी ज्यादा पंद्रह साल से भी कम उम्र के बच्चे मारे गए है जो 1945 के अगस्त के नागासाकी और हिरोशिमा के मुकाबले तिन गुनी है !
दुनिया कि मशहूर नदियो में से दो प्रमुख नदियों को जहरीला बना दिया है टिग्रिस और युफ्रेटिस ! और जितनी मौतें युद्ध के गोलियों या बारूद से नहीं हुई उससे भी ज्यादा मौतें इन दो नदियों के जहरीले पानी पीने से हुई है और विश्व के मीडिया में कोई चर्चा नहीं होती है इसका मतलब हमारी संवेदनशीलता खत्म हो गई है और उसके बावजूद समस्त विश्व शांति और मानवाधिकार की लफ्फाजी करने से थकती नहीं है !
बंगलादेश निर्मिती के पचास साल के बहाने यह बात मेरे जेहन में आ रही है ! की धर्म जाति संप्रदायों के आधार पर भारत में फिलहाल संघ परिवार फिरसे जहरीला प्रचार करने का काम बदस्तूर कर रहा है ! और उसे सौ साल पूरे करने के पहले राजनीतिक रूप से सफलता भी मिली है मतलब हम इतिहास से सिखने के बजाय उसे दोहराने की गलती कर रहे हैं !
डॉ सुरेश खैरनार 2 फरवरी 2021,नागपुर