नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व समाजवादी पार्टी गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ रही हैंै. लेकिन गठबंधन के बावजूद कई सीटों पर सपा और कांगे्रस के उम्मीदवार आमने-सामने हैं. बीते तीन चरणों के चुनाव में दोनों पार्टियों के दो दर्जन से अधिक उम्मीदवार चुनाव मैदान में एक-दूसरे के खिलाफ थे. आगामी चरणों में भी कई सीटों पर कांग्रेस व सपा उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं.
गौरतलब है कि गठबंधन की शर्तों के मुताबिक 403 सीटों वाले यूपी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को 298 और कांग्रेस को 105 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने थे. लेकिन कई सीटों पर टिकट को लेकर दोनों पार्टियों में सहमती नहीं बन पाई और गठबंधन के बावजूद दोनों दलों के प्रत्याशी आमने-सामने हैं. इसके कारण गठबंधन समर्थक मतदाता भी बेहद असमंजस में हैं कि वे किसे वोट दें.
कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली की ही दो सीटों पर कांग्रेस के खिलाफ सपा ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं. सरेनी सीट से कांग्रेस ने अशोक कुमार सिंह को टिकट दिया है, वहीं देवेंद्र प्रताप सिंह यहां से सपा उम्मीदवार हैं. ऊंचाहार से सपा ने पूर्व मंत्री मनोज कुमार पांडेय को मैदान में उतारा है, जिन्हें कांग्रेस के अजय पाल सिंह कड़ी टक्कर दे रहे हैं. बुंदेलखंड की महरौनी सीट से सपा के रमेश खटिक मैदान में हैं, वहीं कांग्रेस ने बृजलाल खाबरी को यहां अपना उम्मीदवार बनाया है. कुछ ऐसा ही हाल चित्रकूट की मानिकपुर विधानसभा का है.
कांग्रेस ने यहां से संपत पाल को टिकट दिया है जिन्हें सपा के दिनेश मिश्रा से कड़ी चुनौती मिल रही है. फतेहपुर की बिंदकी सीट पर तो अजीब स्थिति हो गई है. यहां कांग्रेस ने अभिमन्यु सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन सपा ने रामेश्वर दयाल को गठबंधन उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतार दिया. कांग्रेस ने बाद में अभिमन्यु सिंह का टिकट वापस ले लिया, लेकिन वे अब भी चुनाव मैदान में डंटे हुए हैं और ईवीएम पर भी उनका नाम रहेगा.