लोकसभा के पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी अब हमारे बीच नहीं रहे। 89 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका सोमवार को निधन हो गया है. बता दें कि सोमनाथ चटर्जी 89 साल के थे और लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे. सोमनाथ चटर्जी कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था और यही पर उन्होंने अंतिम सांस ली.
सोमनाथ चटर्जी ने 10बार लोकसभा चुनाव जीता और साल 2004-2009 में वो लोकसभा स्पीकर बने. लेकिन इसी वजह से उनको उस सीपीएम ने पार्टी से निकाल भी दिया जिसमें वो 39 साल तक रहे.
सीपीएम ने जब मनमोहन सरकार से समर्थन वापस लिया तो सोमनाथ बाबू से स्पीकर पद छोड़ने को कहा गया, उन्होंने जब मना कर दिया तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया. सोमनाथ चटर्जी ने कई बार कहा कि उनकी जिंदगी का ये सबसे दुखद मौका था.
प्रधानमंत्री ने सोमनाथ चटर्जी के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि चटर्जी ने भारतीय लोकतंत्र को समृद्ध बनाया था. चटर्जी भारतीय राजनीति का कद्दावर नेता थे. वें गरीब तथा कमजोर तबके के कल्याण के लिए एक मुखर आवाज थे. पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं उनके निधन से दुखी हूं, उनके परिवार तथा समर्थकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं.
अमित शाह ने ट्वीट किया कि, ‘लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के निधन के बारे में जानकर दुखी हूं’ उन्होंने कहा, ‘वह एक बेहतरीन सांसद थे, सदन के सदस्य के तौर पर उन्होनें हमारी संसदीय परंपराओं को समृद्ध बनाया. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं.’
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर कहा, ‘मैं 10 बार सांसद रहे और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के निधन पर दुख प्रकट करता हूं. वह एक संस्था थे, सभी पार्टियों के सांसद उनका बहुत सम्मान और सराहना करते थे’ उन्होंने कहा, ‘दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ है’
सीपीआई एम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की असेंबली के बाद उनके शरीर को अस्पताल को सौंप दिया जाएगा। परिवार से बातचीत करने के बाद अंतिम कार्यक्रम तय किया जाएगा.