आपने कल देश के सभी मुख्यमंत्रीयो को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि वैक्सीन के बारे मे कब तक उपलब्ध होने पर खात्री नहीं है ! आप लोग अपने-अपने प्रदेश में मृत्यु दर 1% और बीमारी फैलने का 5% के नीचे कंट्रोल करने की कोशिश कीजिये !पर हम सत्ता में आये तो फ्रीमे वैक्सीन देंगे भी बिहार में बोले है ! प्राण जाये पर वचन ना जाये मंत्र जिस श्रीराम जी ने समस्त विश्व को दिया है ! को खुप भुना रहे हैं लेकिन उनके जीवन के सिद्धांतों को खुटी पर टांग कर!
यही बात अपने जीवन में जीने वाले महात्मा गाँधी आखिरी आदमी थे लेकिन उनकी भी हत्या कर दी और हत्यारे को महिमामंडित करने के काम को जानबूझकर अनदेखा कर ने वाले कौन हैं ?

उल्टा उन्होंने आतंकवाद जैसे देश विरोधी कार्यों में शामिल होने और उसकी षडयंत्रकारी गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाई होने के बावजूद उन्हे लोकसभा-विधानसभा और मुख्यमंत्री, गृहमंत्री जैसे महत्वपूर्ण संविधानिक पदो पर बैठाने वाले कौन हैं ? कल तो भारत के संविधान को लागू करने के 70 साल पूरे हो रहे हैं और भारत के सबसे बडे प्रदेश के मुख्यमंत्री दो लोगों के संबंधों पर रोक लगाने की घोषणा करते हैं यह बात आप भारत के संसदीय पदोमेसे सबसे बडे पदपर होने के बावजूद हो रहा है क्या आपके इजाजत के बगैर यह सब कुछ उन्होंने किया है ?

आप के बिहार प्रदेश पार्टी के चुनाव घोषणा पत्र में 19 लाख लोगों को नौकरीया देने का वादा किया है उसे सचमुच निभाने वाले हैं ? या 2014 के चुनाव में आपने हर साल दो करोड़ नौकरी और हर एक बैंक खाता मे 15 लाख रूपये जमा करने के बातों जैसा ही रहेगा या रामजी के मंदिर निर्माण कार्य शुरू है तो राम राज करने के लिए विशेष रूप से इन सब वादो को निभाने वाले हो ?

डाॅ राम मनोहर लोहिया जी के दर्शन में से राम,कृष्ण, शिव के निबंध पढकर मै बडा हुआ हूँ ! इसलिए स्वयं मै इन तिनों प्रतीकों का हिमायती रहा हूँ लेकिन गत कुछ वर्षों से आपके समस्त परिवार ने जिस तरह से सांप्रदायिक हिंसा और दंगे के राजनीति करते हुए और सबसे प्रमुख भुमिका आप 2002 मे गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए गोधरा के साबरमती एक्सप्रेस के एस कोच में अधजले शवोको कलेक्टर के विरोध के बावजूद आपने खुद गोधरा में जाकर उन शवो को विएचपी के कब्जे में देकर अहमदाबाद शहर मे जुलूस निकालने के लिए देने की बात कहा तक सही है ?

उसके बाद संपूर्ण गुजरात मे दंग भडक गये थे और उन्हें रोकने के लिए विशेष रूप से 27 फरवरी की रात को कैबिनेट बैठक में आपने कहा था कि कलसे गुजरात मे जो भी कुछ होगा उसे कोई नहीं रोकेगा ! यह बात हरेन पंड्या जी ने जस्टिस कृष्ण अय्यर के क्राइम अगेन्स्ट ह्यूमॅनिटी नाम से प्रकाशित रिपोर्ट मे दर्ज है ! और आय पी एस अधिकारी आर बी श्री कुमार ने भी इसी बात पर अपनी कितब में और केस मे भी दर्ज की है क्या यह सब कुछ सही है ?

हरेन पंड्या जी के पिताजी विठ्ठल भाई पंड्या जी मुझे गुजरात के दंगों को लेकर अमुकुल सिन्हा जी ने एक कार्यक्रम में मुझे भी बोलने के लिए विशेष रूप से बुलाया था तो मेरे भाषण के तुरंत बाद ही विठ्ठल भाई पंड्या जी मुझे कार्यक्रम के बिच मे ही आकर मिले और उन्होंने मुझे एक निवेदन सौपा था और उसमें साफ-साफ लिखा था कि मेरे बेटे को नरेंद्र मोदी जी ने ही मारा है ! क्या यह बात सही है ?

उसी तरह से अहमदाबाद के गुलमर्ग सोसायटी में गोधरा से ज्यादा लोगों को जला कर मार दिया और उसमें एक पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी थे और वह आपको, अहमदाबाद पुलिस कमिश्नर, होम सेक्रेटरी, चिफ सेक्रेटरी, और उनके तरफ से कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गाँधी के भी फोन आये थे और आपने अनदेखी कर के गुलमर्ग सोसायटी में अटके हुए लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के बजाय मरने दिया है ! क्या यह भी आरोप सही है ?

और यह सब रौकने हेतु भारत की सेना के 3000 जवान अहमदाबाद हवाई अड्डे पर 28 फरवरी की श्यामसे ही उतर चुके थे लेकिन आपने उन्हें तिन दिन तक कोई भी लोजेस्टीक प्रोव्हाईड नहीं किया यह बात उस सेना का नेतृत्व करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल जमीरुद्दींन शाह ने अपनी सरकारी मुसलमान नाम की किताब मे तो लिखा ही है इसके अलावा यूटूब के इंटरवू में भी उपलब्ध है क्या यह सब कुछ झूठ है ?

राना अयूब की गुजरात फाइल नाम के किताब में तो डाक्टर माया कोडानी जो कभी आपके मंत्रीमंडल की स्वास्थ्य मंत्री थी उन्होने राना अयूब को बार-बार कहा था कि मैथिली बेन (यही नाम से राना अयूब ने नौ महीने गुजरात मे रहकर अपने किताबके लिए विशेष रूप से तथ्य इकठ्ठा कीये है और सबसे अंतिम दिन गाँधी नगर के आपके ऑफिस में आपसे भी मिलकर गई है !)

मोटा भाई से मिले बगैर गुजरात नहीं छोडना और शायद वह उनके बार बार कहने के कारण ही आपसे मिलकर गई है और अपने किताब मे यह सब कुछ उन्होंने शब्दशः लिखा भी है ! अगर यह सब कुछ झूठ है तो आप कानूनी कार्रवाई क्यो नही कर रहे हैं ? और उस किताब को बैन क्यों नही कर रहे हैं और वैसे ही आजकल संपूर्ण संविधानिक संस्थाओं पर आपका ही अधिपत्य दिख रहा है तो आपको यह सब कुछ करने में क्या दिक्कत है ?

डी डी बंजारा एक पुलिस अधिकारी ने आपको भगवान मानते हुए आपने दिया हर हुक्म की तामीली करने वाले दस पन्ने का पत्र साबरमती जेल से लिखा है कि सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ से लेकर इशरत जहाँ तक के मामले को उसने कैसे और किनके इशरोपर करने की बात साफ-साफ लीखि है ! क्या वह पत्र आपतक पहुँचा है और आपने उसका क्या जवाब दिया है?

वैसे ही हमारे नागपुर शहर में ही जस्टिस लोया की मौत को लेकर भी पत्रकार मित्र निरंजन टकले ने पहले कारवां नाम की पत्रिका में कवर स्टोरी के बाद अब तो उनकी भी किताब प्रकाशित हो चुकी है और धडल्ले से बिक रही है और उसमे मुख्य आरोप आपके मंत्रीमंडल के बाहुबली मंत्री जी अमित शाह जो कानून और व्यवस्था की वर्तमान समय में जिम्मेदारी सम्हलने के लिए विशेष रूप से आपने राजनाथ सिंह जैसे अनुभव संपन्न आदमी की जगह अमित शाह जी को जिम्मा सौपा है लेकिन निरंजन टकले ने किताब लिखकर यही सवाल उठाये हैं कि भारत की कानून व्यवस्था का काम कर रहे आदमी और जस्टिस लोया की मौत को लेकर भी संगीन आरोप है ! तो क्या अमित शाह के उपर कारवाही की जाये या बात झूठ है तो निरंजन टकले के उपर कारवाही की जाये ?

आपके मनकी बात से लेकर और भी कई बार आप ट्रांसपरंट काम की बात बार-बार करते हैं तो आपके डिग्री,चुनाव रोखे, रिजर्व बैंक के फंड को पहले बार हाथ लगाने की बात को लेकर काफी संशय की स्थिति बनी हुई है तो आप इन सब के बारे एक बार साफ-साफ देश की जनता को बताने का कष्ट क्यों नहीं कर सकते ?

सुना है कि आप पार्टी से लेकर मंत्रीमंडल, संसद के किसी भी नियम कानून का पालन नहीं करते हैं ! लेकिन आपका संसद भवन के सिढी पर प्रथम बार प्रवेश करते हुए साष्टांग दण्डवत करने की फोटो मुझे आज भी नजर के सामने ही है ऐसा लगता है! तो संसद को जनतंत्र के मंदिर समझकर ही आपने प्रथम बार अपने साष्टांग दण्डवत करने की कृति है ऐसा मुझे लगता है तो आप संसदीय मर्यादाएं क्यों नहीं मान रहे हो ?

आपका कांग्रेस के उपर काफी गुस्सा है और कांग्रेस के राज में ईडी, आई बी, सी बी आई को आप कांग्रेस के पोपट बोलते हुए थके नहीं है ! लेकिन 2014 के मई मे शपथग्रहण के तुरंत बाद ही आपने सबसे पहले तिस्ता सेटलवाड के घर पर छापा मारकर जो शुरुआत की है वह रूकने का नाम नहीं है !

चुन-चुनकर विरोधी दल और मिडिया जो कभी-कभी आपके सरकार के गलतीयो को दिखाने का काम कर रहे हैं उन्हें विशेष रूप से रेड डालना और सरकारी विज्ञापन नहीं देना, कहा-कहा तो अखबारों के दफ्तरों को ताले लगा देना जो कश्मीर टाइम्स के साथ हुआ है और मेरे पास उसके प्रमाण है और यही कारण है कि आज अघोषित आपातकाल जारी है यह बात आपके पार्टी को सबसे ज्यादा उँचाई पर लेकर आने वाले और गुजरात दंगों के बाद आपके इस्तीफे को गोवा के अधिवेशन में वेटो का इस्तेमाल करने वाले लाल कृष्ण आडवाणी जी ने शेखर गुप्ता को आपातकाल के चालीस साल पूरे होने पर दिया साक्षात्कार में कहा था ! क्या उनकी बात झूठ है ?

आखिरी सवाल आपने अपनी गरीबी के बारे में चुनाव प्रचार के समय बहुत कुछ कहा है ! लेकिन आप का देश की सत्ता सम्हलने के छ साल से ज्यादा समय हो रहा है और गरीब-गुरबा के लिए एक भी कार्यक्रम या योजना नहीं दिख रही है ! लेकिन पूंजीपतियोको बैंको से लेकर जल, जंगल और जमीन की लूट करने के लिए विशेष रूप कानूनों को बदल कर लगभग देश की संपूर्ण संपत्ति को सौंपना लगातार जारी है तो क्या आने वाले समय में सरकार नाम की जरूरत ही नहीं रहेगी क्योंकि देश की सुरक्षा से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग, कृषि, विज्ञान, जल संसाधन के सभी साधन जल,जंगल और जमीन की लूट करने की छूट देकर आपने तो हिमालय मे पंचसितारा गुफा बनाकर रख ली है ! और अब दाढी की लंबाई देखकर लगता है कि आप जल्द ही हिमालय चले जाओगे ! लेकिन देश की गिनकर सौ करोड़ की आबादी है जिसके पास अपने जीवन यापन के लिए खुद के कुछ भी नहीं बचा तो वह क्या करेंगे ?

कृपया इन कुछ चंद सवालों के जवाब देने का कष्ट करेंगे इसी उम्मीद के साथ आपका

डाॅ सुरेश खैरनार

 

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