मुख्य बातें….
- एसआईटी ने तीस्ता की याचिका का किया विरोध.
- कहा, वे असली याचिकाकर्ता नहीं.
- अगली सुनवाई 26 नवंबर को.
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने जाकिया जाफरी द्वारा दाखिल की गई याचिका को लेकर समय की कमी का हवाला देते हुए सुनवाई टाल दी. इसके साथ ही पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता शीतलवाड़ की याचिका का एसआईटी ने विरोध किया है, जिसको लेकर शीतलवाड़ा का कहना था की वे कोर्ट की मदद करना चाहती हैं.
हालांकि, एसआईटी ने तीस्ता के जवाब पर कहा कि वे बिना याचिकाकर्ता बने ही कोर्ट की मदद कर सकती हैं. इसके साथ ही एसआईटी ने ये भी कहा कि तीस्ता इसलिए याचिका दाखिल नहीं कर सकती है, क्योंकि वे असली याचिकाकर्ता नहीं है.
गौरतलब है कि विगत दिनों जाकिया जाफरी और पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता ने कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए मांग की थी कि वे गोधरा कांड में एसआईटी के द्वारा आरोपमुक्त किए गए गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्यो को लेकर दोबारा जांच चाहती है.
वहीं, जाकिया जाफरी ने कहा कि गोधरा कांड के पीछ एक बहुत बड़ी साजिश है. जो कि पीछे छुट गई है, जिसकी दोबारा जांच होनी चहिए. बता दें कि जाकिया जाफरी ने गोधरा कांड की दोबारा जांच कराने के बाबत गुजरात हाईकोर्ट से भी गुहार लगाई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने 5 अक्टूबर 2017 को उनकी मांग को खारिज करते हुए कहा कि अब कोर्ट गोधरा कांड की दोबारा जांच के आदेश नहीं दे सकता है.
अगर वे चाहती हैं कि गोधरा कांड की दोबारा जांच हो तो वे देश की सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर इस मामले की दोबारा जांच की मांग कर सकती है.
बता दें कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में जाकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों ने समय की कमी का हवाला देते हुए सुनवाई टाल दी और अगली सुनवाई आगमी 26 अक्टूबर की मुकर्रर की है.