2019 के लोकसभा के चुनाव को लेकर सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. वोटरों को लुभाने के लिए पार्टियां धर्म का भी इस्तेमाल कर रहीं हैं. शिकागो में ही जब कल आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने एक सभा को संबोधित किया तो उन्होंने साफ-साफ शब्दों में हिंदुओं की रक्षा की बात की. उन्होंने हिन्दू समुदाय से एकजुट होने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि हिंदू समाज एकजुट होकर मानव कल्याण के लिए काम करे.
धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के ऐतिहासिक भाषण की 125वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित विश्व हिंदू सम्मेलन में करीब 2,500 लोगों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि हिन्दू समाज में प्रतिभावान लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है, लेकिन वे कभी साथ नहीं आते हैं. भागवत ने साफ कहा कि हिन्दुओं का साथ आना अपने आप में मुश्किल है.
लेकिन कार्यक्रम में विवाद उस समय शुरू हो गया जब मशहूर अभिनेत्री शर्मिला टैगोर और क्रिकेटर नवाब मंसूर अली खान पटौदी की शादी का जिक्र किया गया. इस शादी को लव जिहाद करार दिया गया. कल शिकागो में विश्व हिंदू कांग्रेस में शर्मिला टैगोर की फोटो दिखाई गई और उसे लव जिहाद का नाम दिया गया. साथ ही उनके परिवार के अन्य सदस्यों शैफ अली खान, करीना कपूर और यहां तक की तैमूर का भी जिक्र किया गया.
मोहन भागवत के सामने कहा गया कि हिंदुओं को लव जेहाद का खतरा है और ऐसा ही हुआ था जब शर्मिला टैगोर की शादी मुसलमान से हुई थी. कहा गया कि शर्मिला को इस्लाम धर्म अपनाना पड़ा. शर्मिला का नाम बेगम आयशा सुल्तान हो गया. उनके बच्चों के नाम अरेबिक रखे गए. उनकी परवरिश मुसलमान के तौर पर की गई.
बता दें कि शर्मिला और पटौदी की तीन संतान- सैफ अली खान, सोहा अली खान, सबा अली खान हैं. सैफ अली खान ने मशहूर अभिनेत्री करीना कपूर से शादी की है. सैफ और करीना के बेटे का नाम तैमूर है. लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि हिंदू हितों की चिंता के लिए शर्मिला की बरसों पुरानी शादी का जिक्र क्यों किया गया?