नई दिल्ली। बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद पहली बार जेडीयू में नंबर दो की हैसियत रखने वाले शरद यादव की नाराजगी बाहर आई। नीतीश के फैसले से नाराज शरद यादव ने सोमवार को इस मुद्दे पर पहली बार बयान दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में जो कुछ हुआ, मैं उससे सहमत नहीं हूं और उन्हें गठबंधन टूटने का बेहद अफसोस है।
संसद के बाहर मीडिया से बातचीत में शरद यादव ने कहा कि जो परिस्थिति है, वह ठीक नहीं है। बिहार की 11 करोड़ जनता के लिए यह ठीक संदेश नहीं है। बिहार में जो फैसला हुआ मैं उससे सहमत नहीं हूं, ये बिल्कुल दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि लोगों ने जनादेश इसलिए नहीं दिया था।’
इधर जेडीयू के नेता अभी तक शरद यादव के खिलाफ कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं। केसी त्यागी ने सिर्फ इतना कहा है कि शरद उनकी पार्टी के बड़े नेता हैं और पूरे सम्मान के साथ उनकी बात सुनी जाएगी। लेकिन गुपचुप तरीके से ये कहा जा रहा है कि शरद बीजेपी के समर्थन से ही राज्यसभा पहुंचे थे।
आपको बता दें कि शरद ने रविवार को ट्वीट पर मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार और कालेधन के मुद्दे को लेकर निशाना साधा था। उन्होंने ट्वीट किया था कि विदेशों से कालाधन वापस नहीं आया, जो सत्ताधारी पार्टी का एक मुख्य नारा था और ना ही पनामा पेपर्स में नामित लोगों में से किसी को पकड़ा गया।’ जानकारी मिल रही है कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी शरद यादव से फोन पर बात कर उन्हें आरजेडी में आने का न्योता दिया है।