हर साल शिक्षक दिवस पर दिए जाने सम्मान से कई चयनित शिक्षक अब तक वंचित हैं। चार माह पहले घोषित किए गए पुरस्कारों में से महज दो लोगों को शिक्षक सम्मान मिल पाया है, जबकि बाकी शिक्षकों को अब तक अपनी बारी आने का इंतजार है।
जेके एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी और कई शैक्षिक संस्थाओं के संयुक्त प्रतिनिधि मंडल ने स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार को दिए ज्ञापन में ये बात कही। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व कर रहीं हुमा खान ने कहा कि किसी भी शिक्षक के लिए ये सम्मान महज उसका गौरव ही नहीं, बल्कि उसके जीवन का अरमान भी होता है।
उन्होंने कहा कि मुश्किल से सम्मान की सीढ़ी तक पहुंचे शिक्षकों को प्रशासनिक अव्यवस्था ठेस पहुंचा रही है। उन्होंने शिक्षा मंत्री से मांग की कि जिस तरह दो जिलों के शिक्षकों को स्थानीय प्रशासन द्वारा सम्मान दिया जा चुका है, बाकी शिक्षकों को भी उनके अधिकार का सम्मान सौप दिया जाए।
स्कूल शिक्षा मंत्री परमार ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वस्त किया कि सम्मान से बाकी बचे चयनित शिक्षकों को शीघ्र ही सम्मानित पत्र सौंपा जाएगा। इसके लिए लोक शिक्षण संचालनालय के अधिकारियों और शिक्षा विभाग के अफसरों को निर्देशित किया जाएगा। इस मौके पर राजेश मिश्रा, पंकज शर्मा, शोएब कुरैशी, हिमानी सिंह, कफील अहमद, श्याम बाबू आदि भी मौजूद थे।
खान आशु