scientist discover a worm which eats plastic

नई दिल्ली : दुनिया भर में कचरे को ख़त्म करना किसी संकट से काम नही है. इस कचरे में सबसे खतरनाक प्लास्टिक वेस्ट है जो कभी समाप्त ही नही होता है बस इसका आकार और रूप रंग ही बदला जा सकता है. प्लास्टिक हमारी धरती के लिए काफी खतरनाक है. लेकिन में हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसे कीड़े की खोज की है जो प्लास्टिक खाता है.

दरअसल यह एक कैटरपिलर है जो प्लास्टिक के बॉन्ड को तोड़ सकता है. जानकारी के मुताबिक कमर्शियल रुप से विकसित यह कैटरपिलर पॉलिथिन बैग्स को जल्दी से तोड़ सकता है, जिससे मिट्टी और समुद्रों में जमा हो रहे प्लास्टिक से निजात मिल सकती है और हमारी धरती और पर्यावरण से प्लास्टिक वेस्ट का नामो-निशान मिटाया जा सकता हाई.

यूके के कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसे जीव की पहचान की जो मधुमक्खी का छत्ता खा सकता है और यही जीव प्लास्टिक को भी खा सकता है. जब वैज्ञानिकों ने इस जीव को एक प्लास्टिक बैग पर कुछ देर के लिए छोड़ के देखा तो पाया कि 40 मिनट बाद बैग में छेद दिखने लगे थे और 12 घंटे बाद प्लास्टिक के मास में 92 मिलिग्राम कम भी हो गए थे.

वैज्ञानकों ने एक स्पेकट्रोस्कोपिक एनालिसिस जरिए दिखाया कि ये जीव किस तरह प्लास्टिक में मौजूद केमिकल बॉन्ड को तोड़ रहे हैं. इस एनालिसिस में बताया गया कि इन जीवों ने polyethylene को ethylene glycol में ट्रांसफॉर्म कर दिया. इससे इस बात को साबित किया गया कि ये जीव केवल प्लास्टिक को खाते नहीं है बल्कि उन्हें ट्रांसफॉर्म कर देते हैं.

शोध से जुड़े एक वैज्ञानिक बॉम्बेली का कहना है कि इन जीवों द्वारा प्लास्टिक को डिग्रेड करनी की गति हाल ही में खोजे गए एक बैक्टिरीया से काफी तेज है, जो 0.13 mg प्रतिदिन की गति से प्लास्टिक को नष्ट करता था. बॉम्बेली का ये भी मानना है कि इस केमिकल प्रक्रिया में यदि एक ही जीव शामिल है तो इसका रिप्रोडक्शन बायोटेक्नोलॉजिकल मेथड के जरिए बड़े पैमाने पर किया जाएगा.

 

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