नई दिल्ली। एक तरफ तो मोदी सरकार दावा करती है कि दुनिया भर में उसकी ब्रांडिंग हो रही है। दुनिया देश की ताकत को पहचान रही है। वहीं दूसरी तरफ दूसरे देशों में बैठे भारतीयों के जीवन पर मुश्किलें आन पड़ी है। पहले अमेरिका ने वीजा नियमों में बदलने की बात कही जिससे बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों पर असर पड़ेगा।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने ऐसे कदम उठाए जिसका सबसे ज्यादा असर भारतीयों पर पड़ा और अब सऊदी अरब ने भी नए नियम बनाए हैं जिसे वहां रहने वाले भारतीयों के लिए बड़ी मुश्किल आन खड़ी हुई है।
सऊदी अरब की सरकार ने एक जुलाई से देश में रहने वाले प्रवासियों पर आश्रित क यानी कि डिपेंडेंट टैक्स लगाएगी । इसके तहत सऊदी अरब में अपने परिवार के साथ रहने वाले दूसरे देशों के लोगों को प्रति आश्रित 100 रियाल (करीब 1700 रुपये) बतौर टैक्स चुकाने पड़ेंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सऊदी अरब में 40 लाख से ज्यादा भारतीय रहते हैं। सऊदी अरब में प्रवासियों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा मानी जाती है।
नतीजतन अब वहां रह रहे प्रवासी भारतीयों को अपने परिवार को वापिस भेजना पड़ेगा। उम्मीद जताई जा रही थी कि सऊदी सरकार भारतीयों के लिए विशेष छूट लेकर आएगी, लेकिन ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं दिया।
जबकि ऐसा माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में भारत और सऊदी अरब के रिश्ते सुधरे हैं। पिछले साल भारतीय प्रधानमंत्री सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर भी गए थे। इसके अलावा सऊदी सरकार पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च नागरिक सम्मान भी दे चुकी है। अब इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि दोनों देशों के रिश्तों में फिर से खटास आ जाएगी।