प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, दिल्ली की भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक में ऐलान किया है ! “कि आने वाले लोकसभा चुनाव में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की स्मृति में, 370 लोकसभा सिटो पर भाजपा ने जीत हासिल करना है !”
370 आंकडे का मतलब ? 370 कश्मीर के विशेषाधिकार की, संविधान की धारा थी ! जिसे भाजपा ने दुसरी बार सत्ता में आने के बाद 5 अगस्त 2019 को, हटाने का काम किया है ! इसलिए कश्मीर से लेकर, राममंदिर , हिंदू – मुस्लिम ध्रुवीकरण करने के लिए, लवजेहाद, हिजाब, मथुरा, वृंदावन, बनारस से लेकर स्थानीय स्तर पर, भारत जैसे देश में हजारों की संख्या में ऐसे मुद्दे हैं ! जिन्हें लेकर एक भी मौके को भाजपा गवाना नही चाहती है ! क्योंकि आर्थिक स्तर पर तो भारत की अर्थव्यवस्था भले ही सत्ताधारी दल कुछ भी दावा करते रहे ! लेकिन भारत के हर नागरिक के माथे पर लाखो रुपये का कर्जा दिन-प्रतिदिन चढते जा रहा है ! इसलिए बेरोजगारी तथा किसानों की समस्याओं को दूर करना छोड़कर ! सिर्फ और सिर्फ धार्मिक ध्रुवीकरण करते हुए ! तीसरी बार सत्ता में आने के लिए, भावनाओं को भडकाकर वोट डलवाने की चिरपरिचित पध्दति पर, भाजपा ने संदेशखाली के आड में बंगाली समाज में “फूट डालों और राज करो की” शुरुआत कर दी है !


जिस तरह से उत्तर भारत में उनपचास प्रतिशत हिंदू समुदाय के वोटों को भाजपा ने पिछले चुनाव में हासिल करते हुए ! लोकसभा अपने तीन सौ से अधिक सदस्यों तक पहुंचने का प्रयास किया है ! बंगाल से भारत के चौथे नंबर की लोकसभा की सीटों, चालिस से अधिक सिटो की वजह से, भाजपा एडी – चोटी एक कर रही है !


हालांकि मणिपुर पिछले एक वर्ष से अधिक समय से लगातार महिलाओं के अत्याचारों से लेकर, हत्याकांड जारी है ! लेकिन भाजपा ने मणिपुर में अपनी सरकार को कुछ भी नहीं कहा ! और न ही कोई टिम भेजी ! उल्टा प्रेस कौन्सिल के लोगों को तक, मणिपुर में रोकने की कोशिश की गई है ! और अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ता को भी जाने से रोकने के, आयेदिन उदाहरण देखने में आ रहे हैं ! लेकिन भाजपा ने मणिपुर को लेकर लोकसभा में भी चर्चा होने से अडंगा लगाया ! और जिस तरह से गैर भाजपा सरकारों के राज्यों की मामुली घटनाओं को तिलका पहाड़ बनाया जा रहा है !
संदेशखाली पश्चिम बंगाल का ताजा उदाहरण है ! जब कि मणिपुर, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश तथा उत्तराखंड हरियाणा, राजस्थान और तथाकथित गुजरात मॉडल बोले जा रहे राज्य में, आये दिन कितनी सारे, संदेशखाली की तुलना में अधिक दलित महिला अत्याचार के घटनाओं के होते हुए ! भाजपा ने मुंह तक नहीं खोला !


2014 में उत्तर प्रदेश में भाजपा सत्ताधारी बनने के बाद ही ! हमारे संविधान के निर्माता के जन्मदिन 14 अप्रैल डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की जयंती मनाने के लिए, सहारनपुर के कबीर मठ के भितर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की मुर्ति बैठाने को मना कर दिया ! और जयंती का कार्यक्रम में शामिल लोगों के उपर हमला किया गया ! तथा महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करने के बावजूद, उत्तर प्रदेश की पुलिस ने कबीर मठ के कार्यक्रम में शामिल लोगों को ही गिरफ्तार किया है ! और सवर्ण लोग जिन्होंने दलितों को इस कार्यक्रम में रोकने से लेकर दंगों में सक्रिय भूमिका निभाने वाले लोगों को हाथ भी नहीं लगाया ! और सहारनपुर का दंगा काफी लंबे समय तक चला था !


वैसे ही बलरामपुर, वुलगढी, किसानों को जिंदा कुचल कर मारने की लखीमपुर खिरि की घटनाओं में भाजपा ने कारवाई करना तो दूर की बात है ! उल्टा टोनी मिश्रा को मंत्रिमंडल में यथावत बनाएं रखा है ! यह कौन-सी पार्टी वुईथ डिफरंस की व्याख्या है ?
अभी पश्चिम बंगाल के सुंदरबन के उत्तर 24 परगना जिले बशिरहाट ब्लॉक में स्थित एक दियारा का क्षेत्र है ! बोट से जाने के लिए तीन रुपये का टिकट लगता है ! उसी बोट में मोटरसाइकल, साईकिल जैसे वाहनों के साथ लोग चढते है ! बशिरहाट आधा घंटा के दूरी पर संदेशखाली है !
2011 की जनगणना के अनुसार संदेशखाली की जनसंख्या एक लाख चौसठ हजार जनसंख्या (1-64) 77% हिंदू 22% मुस्लिम थी ! वहां से नुसरतजहां नामकी फिल्म अभिनेत्री तृणमूल कांग्रेस की संसद सदस्य हैं ! बंगाल की 1-46% जनसंख्या की ग्रोथ है ! बिहार यूपी(2-5%) मतलब बंगाल की जनसंख्या बढने का अनुपात भारत के अन्य राज्यों की तुलना में आधे से भी कम है ! दो राज्यों ( केरल, तमिलनाडु ) को छोड़कर ! संदेशखाली की जनसंख्या अभी शायद दो लाख से उपर होगी ! या तीन लाख भी हो सकती है ! क्योंकि गत तेरह सालों में नई जनगणना नही हुई है !
संदेशखाली कोलकाता से रस्ते से तीन घंटे का सफर है ! यह विश्व-प्रसिद्ध विरासत, मॅंग्रोव के जंगल सुंदरबन का हिस्सा है ! आज संदेशखाली मिडिया में भाजपा की वजह से, काफी चर्चा में है ! 7 जनवरी को ईडी के लोग स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के नेता शेख शाहजहां के घर पर राशन घोटाले के सिलसिले में रेड डालने के लिए गए थे ! जिन्हें स्थानीय लोगों ने हजारों की संख्या में रोकने की कोशिश की ! जिसमें ईडी के कुछ कर्मचारि जख्मी भी हुए थे ! और उन्हें देखने के लिए, राज्यपाल महोदय ने अस्पताल जाने का कष्ट किया है !
फिर तो भाजपा के राज्य स्तरीय नेताओं से लेकर, केंद्रीय नेताओं ने, एक के पिछे एक लगातार संदेशखाली जाने का सिलसिला जारी है ! और वर्तमान समय का तथाकथित मुख्य धारा का मिडिया भी, भाजपा के ताल पर नाचते हुए ! इस क्षेत्र को राष्ट्रीय स्तर पर दिखाए जा रहा है ! लेकिन यही मिडिया संस्थाओं ने दिल्ली से सौ दो सौ किलोमीटर के फासले के सहारनपुर, बलरामपुर, वुलगढी, लखीमपुर खिरि की जधन्य घटनाओं को दिखाने का कष्ट नहीं किया है !


संदेशखाली में जमीन को दखल करने का भी मामला है ! खेती की जमीन को जेसीबी से मट्टी हटाकर मछली उत्पादन के लिए पुकुर (तालाब) बनाऐ जा रहे है ! और इसलिए जिनके खेती थी वह लोग नाराज चल रहे हैं ! और उन्हें मुआवजा देने का वादा करने के बावजूद मुआवजा नहीं दिया गया ! लेकिन बंगाल में सिर्फ जमीन का मुआवजा देने से समस्या का समाधान नहीं होता है ! मैने पंद्रह साल पहले नंदीग्राम – सिंगूर के लोगों को जब यह पूछा कि “सरकार जमीन के बदले पैसे दे रही है ! तो आप लोगों को आपत्ति क्यों है ? ” तो लोगों ने आंखों में पानी लाते हुए कहा कि “लेकिन जमीन चली जाने से हमारे जीवनयापन का भविष्य में क्या साधन रहेगा ? क्योंकि पैसा तो चंद समय में खर्च हो जायेगा ! लेकिन भविष्य में हमारे जीवनयापन करने के लिए क्या साधन है ?”


आजादी के पचहत्तर साल के बावजूद कम-अधिक मात्रा में, भारत के ज्यादा तर जगहों पर, लोगों को अपने जीवन यापन के लिए, एक जगह से दूसरी जगह जाने की बात, चार साल पहले कोरोना के समय, करोडों की संख्या में, मजदूरों के पलायन की पोल खुलकर सामने आई है ! भारत का एक भी राज्य नही है ! जहाँ पर स्थानीय लोगों को अपने जिविका के लिए, अपने जन्मस्थान से हजारों किलोमीटर दूर, काम के लिए जाने के आंकड़ें, योरपीय देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक है ! इसलिए संदेशखाली में जेसीबी की मदद से धान की लहलहाती फसल को नष्ट करते हुए ! उस जगह पर मछली पालन करने के लिए जबरदस्ती से पुकुर (तालाब) बनाने की बात भी स्थानीय लोगों में असंतोष के लिए एक वजह है ! फिर उसमें संदेशखाली के तृणमूल कांग्रेस के कार्यालय में महिला के साथ दुर्व्यवहार करने की घटना भाजपा बार – बार कह रही है ! और उस घटना को हिंदू महिलाओं के उपर हो रहे अत्याचार जैसे प्रचार – प्रसार किया जा रहा है ! हालांकि शाहजहां के दाएँ बाऐ हाथ वाले साथी उत्तम सरदार और शिबू हाजरा दोनों हिंदू है ! और पश्चिम बंगाल की पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है ! और तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है !


जनवरी 7 को ईडी के लोगों ने शाहजहां नामके तृणमूल कांग्रेस के स्थानिय नेता के घर सलबोरिया पर रेड डालने के लिए गए थे ! तो स्थानीय लोगों ने हजारों की संख्या में विरोध प्रदर्शन किया था ! जिसमें हिंदू और मुसलमान दोनों समुदाय के लोग शामिल थे ! शेख शाहजहां जमीन को दखल करने को लेकर राशनस्कॅम मे बदनाम है ! जेसीबी से धान की फसल को उध्वस्त करते हुए, इस जमीन को मछली पालन करने के लिए छोटे – छोटे तालाब में परिवर्तन करने के आरोप लगाए गए हैं ! संदेशखाली में बहुसंख्य हिंदू है ! ( 77% ) और (22 %) मुस्लिम है ! पस्चिम बंगाल की जनसंख्या वृद्धि 1-46 अनुपात है ! जो केरल और तमिलनाडु के बाद तिसरे क्रमांक की जनसंख्या बढने का अनुपात है !
शेख शाहजहां तृणमूल कांग्रेस का स्थानीय नेता है ! उसके चाचा सीपीएमके नेता थे ! शाहजहांने वहां पर यूवा तृणमूल कांग्रेस से अपनी राजनीतिक गतिविधियों की शुरुआत की है ! अभी वह संदेशखाली ब्लॉक तृणमूल कांग्रेस का अध्यक्ष पद पर है !
शेख शाहजहां बंगाल के ( सरकारी अनाज दुकान ) राशनस्कॅम में शामिल होने के आरोप में ईडी ने बंगाल के मलिक नाम के मंत्री को गिरफ्तार किया है !


ज्यादा तर घरो के युवा लोग तमिलनाडु काम के लिए गए हुए हैं ! और घरों में ज्यादातर महिलाओं, वृद्ध तथा बच्चे ठहरे हुए हैं ! मई 2023 में पश्चिम बंगाल सरकारने जमीन को रेग्युलर करने के लिए विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है !
. शिबू हाजरा शाजहाजहाँ का करीबी सहयोगी है ! और उत्तम सरदार भी ! जिस दिन बंगाल विधानसभा में बजट प्रस्ताव पर चर्चा चल रही थी ! उसी दिन संदेशखाली की महिलाओं ने काफी बडी संख्या में प्रदर्शन किया था ! जिसमें मुख्य मांग थी कि किसी महिला के साथ सामुदायिक यौनशोषण का शिबू हाजरा और उत्तम सरदार को इसी आरोप में गिरफ्तार किया गया है ! और तृणमूल कांग्रेस से छह साल के लिए बर्खास्त कर दिया है !


वोरा कमेटी के रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय संसदीय राजनीति में अपराधीक पार्श्वभूमी के लोगों का राजनीति में शामिल होने का अनुपात, पचास प्रतिशत से अधिक है ! जिसमें कमअधिक प्रमाण मे सभी राजनीतिक दल शामिल हैं ! लेकिन सत्ताधारी दल में यह संख्या सब से अधिक होती है ! जो वर्तमान समय में भाजपा के शिर्षस्थ नेताओं से लेकर वॉर्ड स्तर तक देखा जा सकता है !
ममता बॅनर्जी एड़ी-चोटी एक करते हुए भाजपा के खिलाफ लगातार लोहा मोल ले रही है ! उन्हें और उनके दल के नेताओं को भी ईडी, सीबीआई तथा विभिन्न प्रकार की जांच में फंसाने के प्रयास लगातार जारी है ! संदेशखाली की घटना में भाजपा बंगाल में अपनी खुद की राजनीतिक हैसियत बनाने के लिए एडी- चोटी लगाकर ममता बनर्जी को आपदस्त करने की कोशिश कर रही है ! और भारत के हर गैरभाजपा सरकारों के खिलाफ भाजपा के वफादार राज्यपाल बढ़चढ़कर उसमे हिस्सा लेते हैं ! हमारे देश के सर्वोच्च न्यायालय को तक इस बात का सज्ञान लेकर राज्यपालों को हिदायत देने का कष्ट करना पड रहा है ! लेकिन राज्यपाल अपने संविधानिक अधिकारी की जगह भाजपाल की भूमिका में चले गए हैं !
कुछ हदतक नंदीग्राम – सिंगूर के जैसी स्थिति पैदा हो रही है ! 93%पंचायत तृणमूल कांग्रेस ने निर्विरोध जीति है !
भाजपा बंगाल में महिलाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए संदेशखाली के मुद्दे को उछालने की कोशिश कर रही है ! क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में महिलाओं ने पचास प्रतिशत वोट तृणमूल कांग्रेस को दिए है ! लेकिन अभिभी भाजपा को उत्तर भारत के जैसी सफलता बंगाल में नहीं मिल रही है ! हालांकि श्यामा प्रसाद मुखर्जी भाजपा की मुल पार्टी जनसंघ के संस्थापक अध्यक्ष रह चुके हैं ! लेकिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आज़ादी के आंदोलन में अंग्रेजो को मदद करने का इतिहास बंगाल के लोग भुले नही है ! भारत छोडो आंदोलन के दौरान श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंगाल की मुस्लिम लीग के साथ ! फजलूल रहमान के सरकार में मंत्री थे ! और तत्कालीन व्हाईसरॉय को ग्यारह मुद्दों का पत्र लिख कर, भारत छोडो आंदोलनकारियों से कैसे निपटा जा सकता है ? इसलिए सूचना देने वाले श्यामा प्रसाद मुखर्जी को बंगाल में कभी भी सम्मान नहीं मिल सका ! और आगे भी नही मिलेगा ! भले ही उन्हें भी भारत रत्न क्यों न दे दे !


और इसी वजह से बंगाल में जनसंघ के समय दो प्रतिशत भी वोट नहीं मिले थे ! और 1980 के बाद भाजपा को धार्मिक ध्रुवीकरण की वजह से, अब तक वोटों की वृध्दि 29% तक हो चुकी है ! 42 मेसे 18 सांसद भाजपा के है ! और वर्तमान बंगाल विधानसभा में सत्तर विधानसभा सदस्य है ! और सबसे हैरानी की बात 35 साल सत्ताधारी सीपीएम के एक भी सदस्य नहीं है ! और उसके पहले आजादी के बाद लगातार, पच्चीस साल सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस का भी एक भी सदस्य विधानसभा में नहीं है ! सिर्फ तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों की विधानसभा हैं ! और ज्यादा हैरानी की बात पिछले विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में सिर्फ दो प्रतिशत वोटो का फासला है ! इसलिए भाजपा ने पिछले चुनाव में हजारों करोड़ रुपये खर्च करने के बाद यह हैसियत पाई है ! और इस बार तो युध्द जैसि स्थिति बनाने की शुरुआत संदेशखाली से शुरू कर दी है !

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