राजनीति में महिलाओं की भगीदारी हमेशा चर्चा के केंद्र में रही है, लेकिन कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं, जो सियासत में आधी आबादी की नुमाइंदगी को बेहतर तरीके से आगे बढ़ा रही हैं. उन्हीं में से एक नाम है बिहार की सागरिका चौधरी का. सागरिका नीतीश कुमार को अपना आदर्श मानती हैं. वे पढ़ाई के दौरान ही मुख्यमंत्री के सामाजिक कार्यों से प्रभावित हुईं.
उनका कहना है कि नीतीश कुमार जी ने समाज के कल्याण लिए जिस तरह से महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, वे प्रशंसनीय हैं. सागरिका जदयू से जुड़ी हैं साथ ही वे पटना यूनिवर्सिटी की सिंडिकेट मेम्बर भी हैं. सागरिका का कहना है कि मैं पार्टी का काम करते रहना चाहती हूं. पार्टी जो जिम्मेदारी देगी मैं उसका पूरी ईमानदारी और पूरा वक्त देकर निर्वाह करूंगी.
शेखपुरा से मैट्रिक करने के बाद वे पटना आईं और पटना वीमेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन, पीजी और पीएचडी की डिग्री हासिल की. पटना विश्वविद्यालय से पीएचडी करने के दौरान उनके द्वारा लिखे गए रिसर्च पेपर कनाडा और बैंकॉक में प्रकाशित हुए. सागरिका कहती हैं कि नीतीश जी के शराबबंदी के फैसले ने बिहार के हर नागरिक को लाभांवित किया है. विशेष रूप से महिलाओं ने इसका समर्थन और स्वागत किया है.
इसी कड़ी में दहेजबंदी तथा बाल विवाह जो कि किसी भी समाज के लिए अभिशाप है, इन्हें भी मुख्यमंत्री ने अपने सामाजिक अभियान में शामिल किया. मुख्यमंत्री जिस तरह समाज के हर वर्ग का विकास कर रहे हैं, वो प्रशंसनीय है. किसी भी राज्य का विकास उसके हर वर्ग के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास से जुड़ा है. सागरिका यह भी बताती हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी संगठन से जुड़े लोगों को भी हमेशा सामाजिक कार्यों के लिए प्रेरित करते आए हैं एवं उनका उत्साह बढ़ाते रहे हैं. सागरिका समाज सेवा के कार्यों में बढ़चढ कर हिस्सा लेती हैं.
पटना विश्वविद्यालय में विदेशी भाषाओं की पढ़ाई हो सके, इसके लिए वो प्रयास कर रही हैं. सागरिका का कहना है कि अगर मैं समाज के सबसे कमजोर तबके को आगे बढ़ाने में थोड़ा भी योगदान दे पाई तो अपने आप को राजनीति में सफल मानूंंगी. वर्तमान राजनीति के गिरते स्तर से सागरिका दुखी होती हैं. उनका कहना है कि हमारे नेताओं को मर्यादा में रहकर ही बात करनी चाहिए.
इस मामले में सागरिका कहती हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आरोप लगाने के चक्कर में कई बार मर्यादा तोड़ देते हैं. इस मामले में वे नीतीश कुमार से सीख लेने की बात करती हैं. उनका कहना है कि नए नेताओं को चाहे वे किसी भी दल के हों, उन्हें नीतीश कुमार की राजनीतिक शैली से बहुत कुछ सीखना चाहिए.