जिस तरह अंधेरे व उजाले का मेल नहीं, सूरज व चांद का मेल नहीं, अर्स व फर्स का मेल नहीं, उसी तर्ज पर सत्तारुढ़ दल और सत्ता से बेदखल दल का भी कोई मेल नहीं होता, मगर ये क्या हुआ, राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट ने तो अपने ही धूर विरोधी प्रदेश के मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे की तारीफ कर दी.
बता दें कि एनडीटीवी टाउनहॉल में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पायलट ने कहा कि जो काम वसुंधरा राजे ने कर दिखाया है, वो काम कोई भी नहीं कर सकता है, उन्होंने अपने काम के दम पर अमित शाह को अपनी जगह दिखाई है. इसके साथ ही पायलट ने वंसुधरा राजे को पूरे भाजपा में सबसे बेहतर बताते हुए कहा कि जो काम वंसुधरा ने किया है. वो पूरे बीजेपी में कोई नहीं कर सकता है.
इसके साथ ही पायलट ने कहा कि वसुंधरा राजे अपने बातों पर अडिग रहने वालों में से है. उनके इस अडिग स्वभाव के चलते ही राज्य और केंद्र सरकार के बीच 75 दिनों तक शीत युद्ध चला था. इस शीत युद्ध का नतीजा ये हुआ कि अंत में वसुंधरा राजे की ही चली.
राजस्थान उपचुनाव में खराब प्रदर्शन होने के बावजूद भी अशोक परनामी को अपने पद से हटना पड़ा. इतना ही नहीं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश की कमान गजेन्द्र सिंह शेखावत को देना चाहा था, लेकिन वसुंधरा के इसी अडिग स्वभाव के चलते उनकी एक नहीं चली.
गौरतलब है कि राजस्थान में आगामी 7 दिसबंर को विधानसभा चुनाव है और 11 दिसबंर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. हालांकि, सियासी प्रयक्षकों के मुताबिक, पायलट के इस बयान के चलते कांग्रेस को आगामी चुनाव में सियासी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.