देश में बने सबसे बड़े ड्रोन रुस्तम-2 का डीआरडीओ ने सफल टेस्ट कर एक बार फिर कामयाबी का झंडा गाड़ दिया है. रविवार को इस मानवरहित विमान ने पहली बार कर्नाटक के चित्रदुर्ग में उड़ान भरी है. डीआरडीओ के अधिकारियों ने इसके सफल उड़ान की घोषणा की. उन्होंने कहा कि विमान पूरी तरह से सभी मानकों पर खरा उतरा है. यह मध्यम रेंज में 24 घंटे तक हथियारों के साथ हमला करने में सक्षम है. दुश्मन की टोह लेने, सटीक निशाना लगाने और दुश्मनों पर निगरानी रखने में इसका प्रयोग किया जाएगा.

इस मौके पर डीआरडीओ के चेयरमैन क्रिस्टोफर समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे. इस विमान को सैन्य हमलों के लिए तैयार किया गया है. अभी सेना के पास 200 ड्रोन विमान हैं, जिनमें से अधिकतर को इजराइल से खरीदा गया है. सेना को एक दशक में करीब 400 ड्रोन की और जरूरत होगी.

यह विमान रुस्तम-1 की 7 साल की लॉन्चिंग के बाद अब सफल उड़ान भरने के लिए तैयार है. यह विमान अमेरिकी ड्रोन प्रिडेटर को टक्कर देने में सक्षम है. यह एक मानवरहित विमान है, जिसके डैने 21 मीटर लंबे हैं. इसका वजन 1.8 टन है. यह 350 किलो वजन के हथियारों के साथ  24 घंटे तक उड़ान भर सकता है. वैज्ञानिक रुस्तम दमानिया के नाम पर इसका नामकरण किया गया है.

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