ये है हमारे देश की असली रणरागिनिया ! खेती-बाड़ी में वैसे भी पूरे परिवार के लोगों की मेहनत करने की परंपरा है ! लेकिन अब आंदोलन मे शामिल पुरूषों के कारण महिलाओं ने ट्रैक्टर का स्टेअरिंग सम्हाली है ! और आंदोलन मे भी काफी महिलाओं ने भाग लेना शुरू कर दिया है और यह है प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली की शुरुआत !

मै हरियाणवी शेरनीयो का इस कदम के लिए विशेष रूप से अभिनंदन करना चाहुगा क्योंकि हम लोग हरियाणा में महिलाओं को लेकर काफी पाबंदियों की बातें सुनते रहते हैं ! लेकिन जिस तरह से 1915 को महात्मा गाँधी जी के दक्षिण अफ्रीका से भारत आने के बाद भारत के स्वाधीनता संग्राम में प्रथम बार उन्होंने समाज के सभी क्षेत्रों के लोगों के साथ महिलाओको भी शामिल करने की पहल की थी वह सही मायनों में भारत के स्वाधीनता संग्राम की शुरुआत की है !

मुझे वही बात आज हरियाणा की महिलाओको ट्रैक्टर के स्टेअरिंग पर बैठकर ट्रैक्टर रैली की शुरुआत करने वाली आजके इंडियन एक्सप्रेस की फोटो और खबर देखकर!इस आंदोलन के कारण हरियाणा की महिला ओको भाग लेने के लिए विशेष रूप से अपने आप तैयार होने के लिए जो माहौल बनाने की बात है कि अब सरकार की बात चित का खेल के कारण समाज के विभिन्न क्षेत्रों में यह आंदोलन की फिजा पहुंच रही है और वर्तमान सरकार अपने खुद के अस्तित्व की उलटी गिनती शुरू करने की जाने अनजाने में भी सही जो भी कुछ कर रहे हैं और उसके परिणाम स्वरूप जिन महिलाओं को लंबे घूंघट में सदियों से रखा गया है और वह घूंघट उठा कर ट्रेक्टर की स्टेअरिंग सम्हालने वाली बात सावित्री बाई फुले की 190 वी जयंती पर !

यह हरियाणा के महिलाओ के इतिहास का नया अध्याय लिखा जा रहा है ! कई-कई गलत रूढियों को बदलने के लिए शेकडो साल लग जाते हैं ! और हरियाणा हमारी देश की राजधानी के क्षेत्र में आने के बावजूद सामाजिक बदलाव की गति थमने जैसी स्थिति बनी हुई है ! और उसमें भी दलितों की और महिलाओ के स्थिति बद से बदतर है उसमें यह पहल बहुत बडी आशा की किरण है ! सामाजिक बदलाव बहुत ही धीमी गति से होने के बावजूद यह कदम उसी बदलाव की कडी मे अगला कदम हैं !

मै खुद महाराष्ट्र के मराठा समाज में पैदा हुआ लडका ! राष्ट्र सेवा दल के संस्कारों के कारण स्री-पुरुष समता की बात समझने के कारण मेरे पुश्तैनी घर में मेरी बहनों की शिक्षा को लेकर घर में काफी चर्चा की है !और घर के अन्य सदस्यों को मेरी बात बहुत ही मुश्किल से (कडवी दवा के जैसे) मुँह टेढा करते हुए लडकीयो को पढने के लिए इजाजत दी थी ! और मुझे खुशी है कि मेरी बहनोंने ग्रेजुएट और बीएड के बाद शिक्षा का काम करने के कारण आज उनकी खुद की कमाई करने की क्षमता से उनके अपने मकान मुझसे पहले बने हुए हैं ! और किसी के पास गाडी है ! किसी के बच्चे ने डॉक्टरी की पढाई कर के अपनी प्रैक्टिस शुरू कर दी है ! अन्यथा हमारे खानदान की लडकियों को हम बाहर नहीं जाने देते हैं ! और नौकरी की बात तो तौबा-तौबा !

लेकिन सामाजिक बदलाव की गतिथमने जैसी स्थिति हरियाणा में लग रही थी ! और संघ परिवार की भी कोशिश जैसे थे परिस्थितियोंको पुष्टिकर ही है लेकिन किसान आंदोलन का पूरा विष्लेषण तो आगे करना ठीक रहेगा ! लेकिन वर्तमान समय में एक-एक आयाम अपने आप और समय की मांग के कारण भी कई चिजे उभरकर सामने आ रही है ! और आंदोलन के शुरू मेही खालिस्तानी से लेकर क्या क्या जुम्लेबाजी हरियाणा के मुख्यमंत्री से से लेकर गृहमंत्री ने किया था! सांप्रदायिक गुटों को हवा देने की कोशिश इसी हरियाणा के वर्तमान सरकार ने शुरू मे ही शुरू कर दी थी लेकिन आज उसकी हवा निकाल कर रख दी है !

और वैसे ही महिलाओ की भागीदारी वह भी हरियाणा जैसे प्रदेश के यह हरियाणा महिला क्रांती की नई शुरुआत है और वह भी भारत की पहली महिला पाठशाला को शुरू करने का एतिहासिक काम करने वाली सावित्रीबाई फुले की 190 वी जयंती पर! इससे बडी बात और क्या हो सकती हैं ? और सरकार का बातचीत-बातचीत नाम के खेल के कारण आज चालिस दिनों से भी ज्यादा समय हो रहा है ! और वह भी एक डिग्री सेल्सियस मे भी कम टेंमपरेचर और मुसलाधार बारिश में !

और विश्व के आंदोलन के इतिहास में डेढ करोड़ किसान राजधानी के चारों तरफ बैठने का और उनके एक लाख से भी ज्यादा ट्रेक्टर, ट्रक और अन्य वाहनों के साथ अपने पचास से भी ज्यादा साथियो की मौत अपने आँखो के सामने होते हुए भी उनका मनोबल टूटने की जगह बढानेका काम अब घरों से बाहर महिला मार्च निकला है और वह वर्तमान सरकार की सौदेबाजी वाली राजनीति का दिखावा पता चला है कि यह सरकार ने जरूर कुछ पूंजीपतियों से पडदे के पीछे सौदेबाजी की है ! और वह वार्ता का दिखावा करते हुए समय बर्बाद कर रही है !

और यही बात घर में बैठी महिलाओको ट्रैक्टर के स्टेअरिंग पर बैठकर ट्रैक्टर रैली की शुरुआत करने के लिए विशेष रूप से निमित्त हुआ है ऐसा मुझे लगता है ! मैं हमारी बहनें, माँ और बेटीयो ने यह कदम उठाने के लिए विशेष रूप से अभिनंदन करना चाहुगा और कल की वार्ता के बाद कृषि मंत्री जी ने कहा कि हम बिल वापसिके प्रस्ताव को कुछ राज्यों के पास ले जायेंगे और उनकी क्या राय है उसके बाद सोचूंगा वाली बात बहुत ही बेशरमी की बात है क्योंकि वह राज्य कौनसे राज्य हैं?

सबको मालूम है कि बीजेपी के राज वाले राज्यों जो पहले से ही समर्थन कर रहे हैं और प्रधानमंत्री के तथाकथित वार्ता उन्ही लोगों को चुन-चुन कर करने की कसरत पुरी दुनिया ने देखा है और वह भी उनके अपने चाहींदे मीडिया के द्वारा ! और यह बात हमारे हरियाणा की महिला ओको बहुत ही बेहतरीन तरह से समझ में आईं है और वह अब घरों से बाहर महिला मार्च निकला है और वह भी एक डिग्री सेल्सियस मे भी कम टेंमपरेचर और मुसलाधार बारिश में ! इसी जज्बेको मेरा विनम्र अभिवादन

डॉ सुरेश खैरनार

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