बिहार की राजनीति में एकाएक सता से बेदखल हो विपक्ष में आए राष्ट्रीय जनता दल में भी अब पद के लिए हंगामा शुरू हो गया है. पहले प्राय: पार्टी के विभिन्न पदों पर लोगों को मनोनयन करने की परंपरा रही है. लेकिन अब राजद में भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया (दिखावे के लिए ही सही) के सहारे संगठन का चुनाव कराया जा रहा है. फिलहाल मगध के पांच जिलों में राजद प्रखंड से लेकर जिला स्तर के पार्टी पदाधिकारियों का चुनाव कराने में लगा है. लेकिन बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले मगध में राजद का यह सांगठनिक चुनाव गुटबाजी की भेंट चढ़ गया.
चुनाव को लेकर कई स्थानों पर प्रखंड अध्यक्ष और जिला अध्यक्ष बनने के लिए राजद कार्यकर्ता हंगामा करते देखे गए. संगठन चुनाव को लेकर नेता-कार्यकर्ता आपस में ही मारपीट पर उतारू हो गए. अपने-अपने नेताओं के समर्थन में खूब नारेबाजी भी हुई. मगध की राजनीति के केंद्र बिन्दु गया जिले के कुल 24 प्रखंडों और एक नगर निगम क्षेत्र को मिलाकर कुल 25 प्रखंड अध्यक्ष और प्रत्येक प्रखंड से 2-2 डेलीगेट्स का चुनाव होना था. इसे लेकर 2 नवंबर 2017 को बोधगया के बिरला धर्मशाला में बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में राजद चुनाव के निर्वाची पदाधिकारी सूबेदार दास और सहायक निर्वाची पदाधिकारी भाई अरुण कुमार निर्धारित समय से दो घंटे देरी से पहंचे और जिला राजद अध्यक्ष के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू कराई.
इसके बाद दो गुटों में बंटे राजद कार्यकर्ता अपने-अपने नेता के समर्थन में हंगामा और नारेबाजी करने लगे. स्थिति मारपीट तक पहुंच गई. माहौल बिगड़ता देख निर्वाची पदाधिकारी ने चुनाव को स्थगित कर दिया. पूर्व जिला अध्यक्ष मोहम्मद यासिर और निवर्तमान जिला अध्यक्ष मोहम्मद निजाम इस बार अध्यक्ष पद के दावेदार थे. दोनो में से किसी ने भी आम सहमति से जिला अध्यक्ष पद का निर्वाचन नहीं होने दिया. प्रखंड अध्यक्ष, डेलीगेट्स तथा कार्यकर्ता सभी दो गुटों में बंटकर पूरी चुनावी प्रक्रिया के दौरान हंगामा करते रहे.
अंत में गया जिला राजद अध्यक्ष पद पर मनोनयन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को सौंपने की बात पर दोनों गुट सहमत हो गए. पूर्व विधायक और राजद के वरिष्ठ नेता डॉ विनोद कुमार यादवेन्दु ने कहा है कि जिला अध्यक्ष पद के लिए दो दावेदारों के आ जाने और सर्वसम्मति की स्थिति नहीं बनने के कारण जिला अध्यक्ष का चुनाव फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. राष्ट्रीय अध्यक्ष से विचार विमर्श करने के बाद गया जिला राजद अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी.
राजद के स्थापना काल से ही मगध के पांच जिलों में अध्यक्ष के मनोनयन में माय समीकरण का ख्याल रखा गया है. हालांकि गया में समय-समय पर माय समीकरण से हटकर भी जिला अध्यक्ष होते रहे हैं. जहानाबाद जिले में राजद के स्थापना काल से ही मुजफ्फर हुसैन राही जिला अध्यक्ष हैं. नवादा जिले में महेन्द्र यादव लगातार तीसरी बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं. अरवल में रंजन यादव राजद जिला अध्यक्ष निर्वाचित किए गए हैं, वहीं औरंगाबाद में कौलेश्वर यादव राजद के स्थापना काल से ही अध्यक्ष पद पर काबिज हैं. मगध राजद का एक मजबूत राजनीतिक गढ़ माना जाता है. यहां की 26 विधानसभा सीटों में से 11 राजद के कब्जे में हैं. सिर्फ गया के ही 10 विधानसभा क्षेत्रों में से 4 राजद के पास है. यही कारण है कि मगध में किसी जिले का राजद अध्यक्ष होना प्रतिष्ठा का विषय माना जा जाता है. इसी को लेकर गया में राजद जिला अध्यक्ष पद के लिए दो दावेदारों में ठनी हुई है.
गौर करने वाली बात यह भी है कि अध्यक्ष पद के दोनों दावेदार अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं और दोनों की ही अपने समुदाय में अच्छी पकड़ है. वर्तमान अध्यक्ष मोहम्मद निजाम की पत्नी शगुफ्ता परवीन अभी वार्ड पार्षद हैं. वे गया नगर निगम की मेयर भी रही हैं. मगध की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राजद विधायक और पूर्व मंत्री डॉ सुरेन्द्र प्रसाद यादव मोहम्मद निजाम के करीबी भी माने जाते हैं. वहीं पूर्व अध्यक्ष मोहम्मद यासिर भी डॉ सुरेन्द्र प्रसाद यादव के समर्थक हैं. यही कारण है कि जब दोनों दावेदारों में अध्यक्ष पद पर काबिज होने के लिए विवाद हुआ, तो सुरेन्द्र प्रसाद यादव निष्पक्ष भूमिका में आ गए. तब निर्वाची पदाधिकारी सुबेदार दास ने दोनों गुटों की सहमति लेकर गया जिला राजद अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का मामला राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के पाले में डाल दिया.