भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने डीएस हुड्डा के बयान को लेकर कहा कि ये उनका निजी विचार हो सकता है. मैं इसमें कोई हस्तक्षेप करना सही नहीं समझता हूं क्योंकि वे भी हमारे इस ऑपरेशन के अहम शख्स थें.
इसके साथ ही रावत ने कहा मैं उनके शब्दों का काफी सम्मान करता हूं और ये उनकी निजी विचार है तो मैं उनके इस विचार को लेकर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं.
गौरतलब है कि सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट डीएस हुड्डा ने अपना बयान जारी कर कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक का जरूरत से ज्यादा प्रचार-प्रसार किया गया था. हालांकि, सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर हमारा खुश होना व अत्याधिक उत्साहित होना लाजिमी था, लेकिन हमारे राजनेताओं ने इसे लेकर काफी राजनीति की थी.
वहीं, दूसरी तरफ लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने भी डीएस हुड्डा के बयान को लेकर कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक रक्षा के लिहाज से हमारे देश को मजबूत करने में काफी कारगर साबित हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक हमारे देश को सशक्त करने में और आतंकवाद को खत्म करने के लिहाज से काफी कारगर साबित हुआ है.
गौरतलब है कि जब पाकिस्तान ने 2016 में उरी में अपने नापाक करतूत को अंजाम दिया था तो उस दौरान हमारे 19 जवान शहीद हो गए थें. हालांकि, बाद में हमारे भारतीय सैनिकों ने अपनी शोर्यता का परिचय देते हुए सर्जिकल स्ट्राइक किया था, जिसको लेकर वैश्विक पटल पर भारत की काफी वाहवाही हुई थी, लेकिन दुर्भाग्य ये रहा कि हमारे विपक्षी दलों के सियासी नुमाइंदों ने इस सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सबूतों की मांग करने लग गए.
हालांकि, केंद्र सरकार ने लगातार विपक्षी दलों के इस मांग के ये कहकर ठुकरा दिया कि ये एक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से काफी अहम है इसलिए हम इस सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर किसी भी प्रकार का साक्ष्य नहीं दे सकते हैं.