चौथी दुनिया ब्यूरो: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आज या कल के दौरान मौद्रिक नीति की समीक्षा पेश करेगा. ब्याज दरों में परिवर्तन को ले कर अटकलों का दौर जारी है. यह कहा जा रहा है कि आरबीआई ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं करेगा लेकिन कई जानकार ये भी बताते है कि आरबीआई ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती कर सकता है. यदि ऐसा होता है तो आम लोगों के लिए खुशखबरी साबित हो सकती है. इसकी वजह यह है कि जब आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगा तब बैंक भी ब्याज दरों में धीरे-धीरे कटौती करेगा. इसका असर आम आदमी पर होगा. इससे ईएमआई में कमी आएगी.
कुछ जानकारों का मानना है कि नोटबंदी के बाद बैंकों के पास भारी मात्रा में नकदी पहुंच चुकी है. उधर, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है. ऐसे में रिजर्व बैंक ब्याज दरों के मोर्चे पर बदलाव नहीं कर सकता है. लेकिन, यह भी तर्क दिया जा रहा है कि नोटबन्दी के बाद बैंकों के पास भारी राशि जमा हुई है. इसकी वजह से पिछले महीने ब्याज दरों में एक प्रतिशत तक की गिरावट आई है.
एसोचैम के मुताबिक रिजर्व बैंक को कर्ज की वृद्धि सुस्त रहने और कमजोर मांग के बीच ब्याज दरों में 0.5 से 0.75 प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए. एसोचैम ने कहा कि उद्योग ब्याज दरों में 0.50 से 0.75 प्रतिशत कटौती की उम्मीद कर रहा है और बैंकों को इसका पूरा लाभ उपभोक्ताओं को स्थानांतरित करना चाहिए. उद्योग मंडल ने कहा कि नोटबंदी की वजह से बैंकों को चालू खाते-बचत खाते में सस्ते कोष के रूप में अप्रत्याशित लाभ हुआ है. वैसे, आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ब्याज दरों पर सतर्क रुख अपना सकती है. खासतौर से यह देखते हुए कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में तेजी है. क्रूड की कीमतें 56.8 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई हैं. साथ ही डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद संरक्षणवादी नीतियों से भारत सहित ग्लोबल अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने की आशंका है.