आरबीआई के इस निर्देश के बाद अब बैंक लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और लेटर ऑफ कम्फर्ट नहीं जारी कर पाएंगे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस पर रोक लगा दी है. आरबीआई ने नीरव मोदी का केस सामने आने के बाद यह कदम उठाया है. रिजर्व बैंक ने इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है. आरबीआई ने कहा है कि इस संदर्भ में बैंकों के लिए मौजूदा गाइडलाइन्स का रिव्यू करने के बाद बैंकों को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और लेटर ऑफ कम्फर्ट जारी करने पर रोक लगाई गई है.
हीरा व्यवसायी नीरव मोदी ने लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का गलत इस्तेमाल कर बैंकों से कर्ज लिया था. नीरव और उसके मामा मेहुल चौकसी के खिलाफ जांच चल रही है. दोनों पहले ही विदेश भाग चुके हैं. बैंकों के लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करने के बाद ही देश में सामान आयात करने के लिए कंपनियों को कर्ज मिलता है. अगर कोई फ्रॉड करता है, तो देनदारी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी करने वाले बैंक की होती है.
नीरव मोदी मामले में पंजाब नेशनल बैंक ने फरवरी में सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,421 करोड़ रुपए के घोटाले की जानकारी दी थी. इस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी. यह घोटाला 12,672 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है. पीएनबी के कुछ अधिकारियों ने मिलीभगत कर फर्जी तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी किया था. पीएनबी के अधिकारियों ने इसकी एंट्री भी नहीं की थी.