नई दिल्ली: बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने अपने रेपो रेट में गिरावट करने का फैसला लिया है. अगर बात करें रेपो रेट की तो यह वह दर होती है जिस पर आरबीआई छोटी समय सीमा के लिए बैंकों को कर्ज देता है। आरबीआई ने उम्मीद के मुताबिक रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है। इसके अलावा बैंक की ओर से रिवर्स रेपो रेट को भी 0.25 फीसदी घटकर 5.75 फीसदी कर दिया गया है। पहले यह दर 6 फीसदी थी।
सीआरआर में भी आरबीआई ने चार फीसदी की कटौती की है। आरबीआई ने अक्टूबर 2016 में इसमें कटौती की थी। वर्तमान समय में जो छह प्रतिशत की दर है वह नवंबर 2010 के बाद से सबसे कम है।
मौद्रिक नीति समिति ने निजी निवेश में नई जान फूंकने, बुनियादी ढांचा क्षेत्र की बाधाओं को दूर करने तथा प्रधानमंत्री आवास योजना पर विशेष जोर देने की जरूरत पर बल दिया। लेकिन जो सवाल आम आदमी के लिए सबसे अहम है वह है कि आरबीआई के इस फैसले से उसे कितना लाभ मिलेगा। एक नजर डालिए कि आरबीआई के इस फैसले से एक आम आदमी को क्या फायदा हो सकता है?
- आरबीआई जब रेपो रेट में कटौती करता है तो प्रत्यक्ष तौर पर बाकी बैंकों पर वित्तीय दबाव कम होता है।
- आरबीआई की ओर से हुई रेपो रेट में कटौती के बाद बाकी बैंक अपनी ब्याज दरों में कटौती करते हैं।
- इसकी वजह से आपके होम लोन और कार लोन की ईएमआई में कमी आती है।
- रेपो रेट कम होता है तो महंगाई पर नियंत्रण लगता है।