क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान अब पाकिस्तान के वजीर-ए-आलम बन गए हैं. उन्होंने शनिवार को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. इस्लामाबाद स्थित राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई. शुक्रवार को नेशनल असेंबली ने उन्हें अपना प्रधानमंत्री चुना था. इमरान के शपथ समारोह में उनकी बेगम बुशरा भी शामिल हुईं.
शपथ ग्रहण समारोह में क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू भी शामिल हुए. उनका शपथ ग्रहण समारोह में जाना विवाद का विषय बनता जा रहा है. दरअसल, इमरान खान के शपथ समारोह में नवजोत सिंह सिद्धू और पाकिस्तान के आर्मी चीफ बाजवा की मुलाकात जिस तरह हुई, उसे देश का एक वर्ग बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है. क्योंकि शनिवार सुबह ही, इमरान खान की शपथ ग्रहण से पहले पाकिस्तान द्वारा एलओसी पर गोलीबारी की गई. ऐसे में सिद्धू का पाकिस्तान के आर्मी चीफ से गले मिलना और उनसे हाथ-मिलाना कई लोगों को रास नहीं आया है. जिसको लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल भी किया जाने लगा है.
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी को सिद्धू का आर्मी चीफ से गले मिलना रास नहीं आया. एक चैनल पर उन्होंने कहा, ‘यदि वह मुझसे सलाह लेते तो मैं उनको पाकिस्तान जाने से मना करता. वह दोस्ती के नाते गए हैं, लेकिन दोस्ती देश से बड़ी नहीं है. सीमा पर हमारे जवान मारे जा रहे हैं और ऐसे में पाकिस्तान सेना के चीफ को सिद्धू का गले लगाना गलत संदेश देता है. भारत सरकार को उन्हें पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए थी. भारत सरकार की सहमति से वह पाकिस्तान गए हैं.’
वहीं समारोह के दौरान उन्हें पीओके यानि पाक अधिकृत कश्मीर के प्रेसिडेंट मसूद खान के बगल में बैठाया गया. भारत और पाक के बीच पीओके को लेकर काफी सालों से विवाद जारी है. पीओके को भारत सरकार मान्यता नहीं देती है.