नई दिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि पर इन दिनों खतरा मडराता नज़र आ रहा है. जी हां, आरटीआई ने अपने जबाव में खुलासा किया हैं कि उत्तराखंड स्थित हरिद्वार पतंजलि के लगभग 40% प्रोडक्ट्स क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए. इन सभी प्रोडक्ट्स की टेस्ट आयुर्वेद और यूनानी कार्यालय द्वारा की गई हैं.
एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2013 से 2016 के बीच एकत्र किए गए पतंजलि के 82 नमूनों में से, 32 प्रोडक्ट क्वालिटी टेस्ट में फेल पाए गए. साथ ही पतंजलि का दिव्या अमला रस और शिवलिंगी बीज भी क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए.
उत्तराखंड राज्य सरकार प्रयोगशाला की रिपोर्ट के मुताबिक, पीएच वैल्यू – जो पानी में घुलनशील पदार्थों की क्षारीयता को मापता है- अम्ला रस में निर्धारित सीमा से कम पाया गया. पीएच मूल्य वाले सात से कम उत्पादों में अम्लता और अन्य चिकित्सा जटिलताओं का कारण हो सकता है.
पतंजलि के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण ने टेस्ट की रिपोर्ट को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा ‘शिवलिंगी बीज एक प्राकृतिक बीज है. हम इसे कैसे दूषित कर सकते हैं?’ उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट के द्वारा पतंजलि की छवि को खराब करने का प्रयास है.
आपको बता दें कि पिछले महीने, पश्चिम बंगाल सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला में क्वालिटी टेस्ट में फेल होने के बाद, सशस्त्र बलों के कैंटीन स्टोर डिपार्टमेंट (सीएसडी) ने पतंजलि के आमला के रस की बिक्री पर रोक लगा दी थी.