एक तरफ जहां सेना के जवान सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से नाराज थे वहीं अब रेलवे के कर्मचारी भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से नाराज हो गए है. गौरतलब है कि रेलवे में 13 लाख कर्मचारी काम करते हैं. सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के लगभग पूरा का पूरा केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया और 1 जनवरी 2016 से यह रिपोर्ट लागू कर दी गई है.
लेकिन, भारतीय रेलवे को सातवें वेतन आयोग की एक और सिफारिश के तहत नया आदेश दिया गया है, जिससे रेलवे के सभी कर्मचारी प्रभावित होंगे. 14 दिसंबर को जारी आदेश के अनुसार अब रेलवे कर्मचारी त्यौहारी मौसम में बिना किसी ब्याज के मिलने वाले एडवांस का लाभ नहीं ले सकेंगे. रेलवे बोर्ड का यह आदेश रेलवे के सभी कार्यालयों में भेज दिया है. इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होगा.
इस से नाराज रेलवे कर्मचारी संघ ने 15 फरवरी को हड़ताल का ऐलान भी कर दिया है. कर्मचारी संघ का कहना है कि पहले आधे से ज्यादा कर्मचारी रेलवे द्वारा उपलब्ध कराई जा रही इस सुविधा का लाभ उठाया करते थे, लेकिन इस आदेश के बाद इस सुविधा कालाभ खत्म हो जाएगा.
कर्मचारी संघ ने रेलवे बोर्ड द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिश पर इतनी जल्दबाजी किए जाने को ले कर भी सवाल उठाया. कर्माचारियों का कहना है कि जब सरकार द्वारा बनाई गई अधिकार प्राप्त अलाउंस समिति के पास है तब इस पर रेलवे बोर्ड को यह आदेश देने की क्या जरूरत थी.