नई दिल्ली (ब्यूरो, चौथी दुनिया)। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली अप्रत्याशित जीत के बाद, बीजेपी के लिए प्रदेश की जिम्मेदारी बढ़ गई है। बड़ी जिम्मेदारी के लिए शाह और मोदी किसी ऐसे चेहरे को सीएम की कुर्सी पर बिठाना चाहते हैं जिसे न सिर्फ शासनिक अनुभव हो बल्कि प्रदेश और राष्ट्र स्तर पर उसकी स्वीकृति भी हो।बीजेपी के जिन चेहरों का नाम सीएम की रेस में चल रहा है उसमे राजनाथ सिंह सबसे आगे हो गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजनाथ सिंह का नाम लगभग तय किया जा चुका है। संघ भी राजनाथ सिंह के नाम से खुश है और बीजेपी में प्रदेश स्तर के कार्यकर्ताओं में उत्साह है कि राज्य में केंद्र के वरिष्ठ नेताओं को भेजा जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक राजनाथ सिंह की टीम लखनऊ मंगलवार रात को ही पहुंच चुकी है। पहले राजनाथ सिंह इसके लिए तैयार नहीं थे लेकिन पीएम मोदी से बातचीत के बाद वो तैयार हुए। दरअसल राजनाथ के पास गृहमंत्रालय जैसा महत्वपूर्ण विभाग है, जिसके जिम्मे आंतरिक सुरक्षा जैसी गंभीर मुद्दे जुड़े होते हैं राजनाथ सिंह इसमे काफी तह तक जा चुके हैं वो नहीं चाहते कि अब उनकी मेहनत का फल कोई और खा जाए।
इसके अलावा राजनाथ सिंह के दफ्तर के माध्यम से राज्यपाल की नियुक्ति होती है। वो ये भी नहीं चाहते थे कि जिस राज्यपाल की नियुक्ति उनके द्वारा की गई है। अब उन्ही के अधीन उनको काम करना पड़ा। राजनैतिक तौर पर भले ही राजनाथ सिंह का उत्तर प्रदेश जाना फायदेमंद हो, लेकिन अधिकारों के मंच से देखा जाए तो ये बात संवैधानिक ढांचे के विपरित है। शायद इन्ही कारणों से राजनाथ सिंह सीएम पद के लिए तैयार नहीं थे लेकिन अब जानकारी मिल रही है कि इस पद के लिए तैयार हैं।