नई दिल्ली : भारतीय रेल ने आज से यानी 1 जुलाई से अपने यात्रियों के लिए सुख-सुविधाओं में बदलाव कर रही है। इस नए बदलाव के साथ रेल यात्रा करने वाले यात्रियों को ट्रेन की सुविधा में कुछ अदला-बदला नजर आ सकती है. आज से रेलवे की आरक्षण प्रक्रिया में नए नियम लागू होने जा रहे हैं-
1- बदले नियमों के तहत आज से यानी 1 जुलाई से ऑनलाइन से वेटिंग टिकट नहीं मिलेगा. तत्काल टिकट का आरक्षण रद्द करवाने पर अब आधा रिफंड यात्रियों को मिलेगा.
2- शताब्दी, राजधानी जैसी दूसरी कई अन्य ट्रेनों में कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी.
3- यात्रियों की मांग पर क्षेत्रीय भाषाओं में भी टिकट मिलेंगे.
4- राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों की तर्ज पर सुविधा ट्रेनें चलेंगी. ये ट्रेनें देश के महत्वपूर्ण व व्यस्त रूटों पर प्रीमियम ट्रेनों को बंद कर उनकी जगह चलाई जाएंगी.
5- सुविधा ट्रेनों में यात्रियों को वेटिंग टिकट नहीं मिलेगा. इन ट्रेनों में सभी को कन्फर्म टिकट दिया जाएगा.
6- टिकट रद्द कराने पर आधा पैसा वापस मिलेगा और कोच के हिसाब से चार्ज होगा. एसी फर्स्ट और सेकेंड का टिकट रद्द कराने पर 100 रुपये अतिरिक्त काटे जाएंगे. एसी थर्ड के लिए 90 रुपये और स्लीपर क्लास का टिकट रद्द कराने पर 60 रुपये अतिरिक्त काटे जाएंगे.
7- तत्काल टिकट रद्द कराने पर अब 50 फीसद किराए की रकम वापस मिलेगी. यानी अब पूरे पैसों का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.
8- इतना ही नहीं, रेलवे टिकट खिड़की की भांति ही यात्री ऑनलाइन तत्काल टिकट बुक कर पाएंगे.
9- एसी क्लास के लिए तत्काल टिकट की बुकिंग सुबह 10 से 11 और स्लीपर क्लास के लिए 11 से 12 बजे के मध्य ही होगी.
10- राजधानी और शताब्दी में यात्रियों की भीड़ देखते हुए इन ट्रेनों में कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी, ताकि लोगों को अधिक संख्या में कन्फर्म टिकट मिल सकें.
11- राजधानी-शताब्दी में यात्रियों को पेपरलेस टिकटिंग की सुविधा दी जाएगी.
12- मोबाइल नंबर पर टिकट की सारी जानकारी उपलब्ध होगी। जो सफर के दौरान परिचय पत्र के साथ टीटीई को दिखानी होगी.
13- नए नियमों के तहत कोई भी व्यक्ति 50 हजार रुपये में सात दिनों के लिए कोच बुक करवा सकता है.
14- नौ लाख रुपये देकर कोई भी व्यक्ति या संगठन सात दिनों के लिए 18 डिब्बों की पूरी रेलगाड़ी बुक करवा सकता है.
रेलवे की ओर कुछ स्पष्टीकरण आया जिसमें कहा गया है कि 1 जुलाई से ऐसे ज्यादा बदलाव होने नहीं जा रहे हैं. रेलवे ने कहा कि शताब्दी और राजधानी ट्रेनों या ट्रेन के किसी भी श्रेणी के लिए कागज टिकटों को बंद करने का प्रस्ताव नहीं है.