कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के दो दिवसीय छत्तीसगढ़ प्रवास को लेकर जहां कांग्रेसी खेमे में ज़ोरदार चर्चा है, वहीं राजनीतिक विश्लेषकों के लिए बड़ा सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के विजय रथ को रोक पाएंगे? छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह राज्य में मुख्यमंत्री के रूप में तीसरी पारी पूर्ण करने जा रहे हैं और चौथी पारी के लिए इन दिनों प्रदेशव्यापी विकास यात्रा पर हैं.

राहुल गांधी  ने अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ के चार संभागों तक पहुंचने की कोशिश की है. राहुल गांधी ने राजधानी रायपुर पहुंचकर सबसे पहले रायपुर स्थित स्वर्गीय बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में चार राज्यों के पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित किया. रायपुर के कार्यक्रम के बाद राहुल गांधी सरगुजा संभाग के सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के सीतापुर स्थित शास्त्री स्टेडियम में जनसभा को संबोधित किया. इसके बाद राहुल गांधी ने बिलासपुर संभाग में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मजबूत गढ़ कोटमी में एक सभा को संबोधित किया. अगले दिन राहुल गांधी ने बिलासपुर में वरिष्ठ पत्रकारों से चर्चा की. इसके बाद दुर्ग संभाग में कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने के बाद दुर्ग के रायपुर तक करीब 50 किलोमीटर लम्बा रोड शो किया.

राहुल गांधी ने अपने प्रवास के दौरान बस्तर संभाग को छोड़कर छत्तीसगढ़ के चारों संभाग में पहुंचकर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ ही प्रदेशवासियों को भी एक संदेश देने की कोशिश की. कर्नाटक के घटनाक्रम के बीच छत्तीसगढ़ पहुंचे राहुल गांधी पर कहीं से भी कर्नाटक की हार की हताशा नहीं दिख रही थी. राहुल गांधी एकतरफ जहां प्रदेश के पार्टी कार्यकर्ताओं को 2018 में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाने की सीख दे रहे थे, वहीं जनता को मोदी सरकार का चेहरा दिखाते हुए 2019 के कांग्रेस की जमीन भी तैयार कर रहे थे. राहुल गांधी ने अपनी सभा में न केवल प्रधानमंत्री मोदी पर करारा हमला किया, बल्कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को हत्या का आरोपी भी करार दिया.

राहुल गांधी ने सीतापुर से अपने दो दिवसीय दौरे की शुरुआत कर साफ संदेश दे दिया कि यद्यपि सरगुजा कांग्रेस के मजबूत गढ़ों में से एक है, लेकिन पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व सरगुजा को विशेष महत्व देता है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से सरगुजा संभाग को और ज्यादा मजबूत बनाने पर जोर दिया. गौरतलब है कि अविभाजित सरगुजा यानी मौजूदा सरगुजा के साथ बलरामपुर और सूरजपुर जिले के आठ विधानसभा सीटों में से सात पर वर्तमान समय में कांग्रेस का कब्जा है.

बिलासपुर संभाग के मरवाही विधानसभा क्षेत्र के अन्तर्गत कोटमी में राहुल गांधी की सभा का विशेष अर्थ है. कोटा और मरवाही विधानसभा कांग्रेस से नाता तोड़कर छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस बनानेवाले राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी का गढ़ है. मरवाही से जहां अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी विधायक हैं, वहीं कोटा से उनकी पत्नी डॉ. रेणू जोगी विधानसभा पहुंची हैं. आगामी चुनाव में अमित जोगी तो छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के चुनाव चिन्ह से चुनाव लड़ेंगे ही, संभव है रेणू जोगी की टिकट भी कांग्रेस काट दे. ऐसी स्थिति में अजीत जोगी के प्रभाव क्षेत्र में कांग्रेस ने अपनी मजबूत पकड़ कायम रखने के लिए राहुल गांधी को मैदान में उतारा है. कांग्रेस पार्टी की कोशिश है कि अजीत जोगी के पार्टी के जुदा होने के बावजूद कोटा और मरवाही की सीट कांग्रेस के ही खाते में रहे, हालांकि फिलहाल यह दूर की कौड़ी है. राहुल गांधी जब कोटमी में सभा कर रहे थे, तब उसी समय अजीत जोगी ने पेन्ड्रा में विशाल सभा कर राहुल गांधी को सीधे-सीधे चुनौती दी.

राहुल गांधी ने दुर्ग शहर में विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन में आगामी विधानसभा चुनाव के साथ ही आम चुनाव-2019 के लिए भी कार्यकर्ताओं को तैयार रहने को कहा. राहुल ने यहां तक कहा कि सरकार बनने पर यदि कांग्रेस का मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं की फिक्र नहीं करेगा तो उसे भी कुर्सी से उतार दिया जाएगा. राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी में केवल हेलिकॉप्टर से उतरा नेता नही चलेगा.

इसके बाद राहुल गांधी ने दुर्ग से लेकर रायपुर तक 50 किलोमीटर लम्बा रोड शो किया और यह संदेश देने की कोशिश की कि कांग्रेस पार्टी 2018 में छत्तीसगढ़ में अपनी खोई हुई सत्ता वापस प्राप्त करेगी. फिलहाल यह आसान नहीं दिखता क्योंकि तमाम कोशिशों के बावजूद कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ में विभिन्न क्षत्रपों में बंटी हुई है और बंटे हुए क्षत्रप रमन के विजय रथ को रोक पाएंगे, इसमें फिलहाल संदेह है. दूसरी बात यह भी कि राज्य में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के तीन कार्यकाल के बावजूद कांग्रेस पार्टी रमन सिंह को नहीं घेर पाई है. रमन सिंह के मुकाबले कांग्रेस ने अबतक मुख्यमंत्री के रूप में कोई चेहरा भी सामने नहीं किया है. चुनाव जीतने से पहले ही मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस में सिरफुटौव्वल की स्थिति है.

मोदी-शाह पर खूब बरसे राहुल

राहुल गांधी ने इनडोर स्टेडियम में आयोजित पंचायती राज सम्मेलन में मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. राहुल गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के 70 साल में पहली बार आपने देखा होगा कि सुप्रीम कोर्ट के जज प्रेस के सामने जाकर कहते हैं हमें आपकी जरूरत है. हमें डराया, धमकाया जा रहा है. राहुल ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर भी बड़ा हमला किया और कहा कि मर्डर का आरोपी देश की पार्टी का अध्यक्ष है. अब प्रेस भी डरने लगी है. पूरे देश में डर का माहौल बन गया है और ऐसा लगता है कि हम सब एक जेल में बंद हैं. ये डर कौन फैला रहा है? कौन सी शक्तियां इस डर का फायदा उठा रही हैं? प्रेस को भी डराया जा रहा है. राहुल कहते हैं, किसान सरकार से कर्जमाफी की बात करता है तो वित्त मंत्री अरुण जेटली कहते हैं कि किसान के कर्ज माफी की हमारी पॉलिसी नहीं है. लेकिन देश के ही 15 सबसे अमीर लोगों का कर्ज माफ हो गया, जिसके बारे में वे कोई टिप्पणी नहीं करते.

दूर्ग से रायपुर तक 50 किलोमीटर लम्बा रोड शो

राहुल गांधी ने दुर्ग के पंडित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम में संभाग भर के विभिन्न विधानसभाओं के आए हुए बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया और उसके बाद रोड शो की शुरुआत की. रोड शो के दौरान राहुल गांधी कई जगह रुके और महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल और डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया. उनके साथ राज्य के कांग्रेस के सभी दिग्गज मौजूद थे. राहुल के आगमन पर लम्बे अरसे बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल, रविंद्र चौबे, चरणदास महंत, टीएस सिंहदेव और राज्य प्रभारी पीएल पुनिया एक मंच पर एक साथ दिखाई दिए.  राहुल गांधी का जगह-जगह कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भव्य स्वागत किया. राजधानी रायपुर पहुंचने पर राहुल गांधी ने नलघर चौक स्थित स्वर्गीय राजीव गांधी की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण किया.

कांग्रेस के छत्तीसगढ़ के क्षत्रप

पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल, पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. चरण दास महंत, नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव, पूर्व मंत्री सत्यनारायण शर्मा इत्यादि.

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