कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के बगावती नेता नारायण राणे से मुलाक़ात की। सूत्रों की मानें तो राहुल ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि वो किसी तरह की जल्दबाजी न करते हुए धैर्य बनाए रखें। सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने राणे को समझाया कि किसी तरह की जिद पर अड़ने की बजाए धीरज रखकर इंतजार करें। बताया जाता है कि राणे और राहुल की मुलाकत तकरीबन 20 मिनट तक चली।
मीटिंग में शामिल एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक़, इस मुलाक़ात में नारायण राणे ने राहुल गांधी खुलकर बात की, उन्होंने पार्टी के मौजूद हालात के बारे में जानकारी। इस मुलाक़ात में उन्होंने इस बात को लेकर नाराज़गी जताई है कि महाराष्ट्र में कांग्रेस सड़क पर उतरकर काम करने के बजाय एसी कमरों में बैठकर पार्टी चलाना चाहते हैं। संगठन लगातार कमज़ोर हो रहा है पर इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। आज भी कांग्रेस में ऐसे लोग मौजूद है जो पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं।
राणे ने राहुल को बताया की महाराष्ट्र में पंजाब की तर्ज पर काम करने की ज़रुरत है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जिस तरह से जीत हासिल की उससे पार्टी को प्रेरणा लेने की ज़रुरत है। उन्होंने इस मुलाक़ात में सीधे तौर पर महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस चीफ अशोक चह्वाण और मुम्बई कांग्रेस अध्यक्ष संजय निरुपम की खुलकर शिकायत की। उन्होंने सीधे तौर आरोप लगाया की ये नेता पार्टी को किस ओर ले जाना चाहते हैं ये खुद भी नहीं जानते। एक के बाद एक पार्टी हार का सामना कर रही है । कद्दावर नेता पार्टी छोड़ने को मजबूर हैं और इसे रोकने की ज़रुरत है।
राणे ने राहुल गाँधी से इस बात की शिकायत की रह रह कर जान बूझकर उनके पार्टी छोड़ने की अफवाह फैलाई जा रही है। पार्टी में उनके विरोधियों की ओर से ऐसी चीजें फैलाई जा रही हैं
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